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महिला- बाल कल्याण के लिए डीपीडीसी से मिलेगी निधि, देना होगा बजट का 3 फीसदी हिस्सा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के प्रत्येक जिला नियोजन समिति (डीपीडीसी) की वार्षिक सर्वसाधारण योजना से महिला व बाल सशक्तिकरण योजना के लिए स्थायी रूप से 3 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई जाएगी। बुधवार को मंत्रालय में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस अहम फैसले को मंजूरी दी गई। इसके राज्य के योजना (नियोजन) विभाग से डीपीडीसी को कम से कम 3 प्रतिशत निधि यानी हर साल 450 करोड़ रुपए महिला व बाल विकास विभाग की योजनाओं के लिए मिल सकेगा।
प्रदेश की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि डीपीडीसी से मिलने वाली 3 प्रतिशत निधि से हर जिले में प्राथमिकता से महिला व बाल कल्याण भवन का निर्माण होगा। इससे महिला व बाल विकास विभाग के जिला स्तर के सभी कार्यालय एक छत के नीचे आ सकेंगे। इसके अलावा त्रिस्तंभ नीति के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे। इसके तहत सरकारी जमीनों अथवा स्थानीय निकायों की जगह पर महिला बचत समूह के लिए भवन का निर्माण किया जाएगा। हर जिले में जिला महिला व बाल विकास अधिकारी के लिए कुल 36 वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।
महिला बचत समूह के उत्पादों को सुलभ रूप से बेचने के लिए राष्ट्रीय, राज्य महामार्ग और मुख्य जिला मार्ग के पास सरकारी जगहों अथवा स्थानीय निकायों की जगह पर छोटे स्टॉल का निर्माण कार्य होगा। एकात्मिक बालविकास सेवा योजना के तहत आंगनवाडी केंद्रों का नया निर्माण कार्य, जलापूर्ति, बिजली आपूर्ति, इमारतों का विस्तार समेत अन्य काम किए जाएंगे। जिला स्तर पर और बड़े धार्मिक स्थलों की जगह पर भीख मांग कर जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए सरकारी भिक्षा गृहों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा निराधार, अनाथ, स्तनदा माता, किशोरी बच्चियों समेत अन्य लोगों के लिए नई योजनाएं चलाई जाएंगी।
Created On :   12 Jan 2022 9:22 PM IST