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रिपेयरिंग करने में प्रशासन लेट, दरक रहा गांधी गेट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महल क्षेत्र में बने ऐतिहासिक जुम्मा दरवाजा वर्तमान का गांधी गेट की सुध लेने की फुर्सत किसी को नहीं है। यह नगर की हेरिटेज सूची (ऐतिहासिक धरोहर) में शामिल है। इसकी देखभाल का जिम्मा राज्य के लोकनिर्माण विभाग के पास है, इसलिए इसकी मरम्मत और रखरखाव विभाग को करनी पड़ती है। लेकिन करीब 20 साल से इसकी मरम्मत नहीं हो पायी है। परिणामस्वरूप गांधी गेट का चेहरा बिगड़ने लगा है। हेरिटेज होने के कारण गांधी गेट की मरम्मत करने के लिए लोकनिर्माण विभाग को हेरिटेज समिति की मंजूरी चाहिए। इसके लिए विभाग द्वारा मनपा की हेरिटेज कमेटी को एक पत्र देकर अनुमति प्राप्त करनी है, लेकिन महीनाभर से लोकनिर्माण विभाग अपनी मानसिकता तैयार नहीं कर पाया है। आज-कल करते-करते महीनों बीत गए, लेकिन लोकनिर्माण विभाग मनपा को एक पत्र नहीं दे पाया। इस कारण गांधी गेट की मरम्मत नहीं हो पा रही।
मरम्मत के लिए लगेंगे 4 लाख रुपए
लोकनिर्माण विभाग के सूत्रों के अनुसार गांधी गेट की मरम्मत के लिए 4 लाख की दरकार है। मनपा की हेरिटेज कमेटी को इसकी मरम्मत का जब पत्र दिया जाएगा तो उसके साथ मरम्मत का इस्टीमेट भी दिया जाने वाला है। यदि हेरिटेज कमेटी निधि उपलब्ध न करा सकी तो लोकनिर्माण विभाग अपनी निधि से इसकी मरम्मत करने को तैयार है। सूत्रों ने बताया कि आवाजाही के कारण मरम्मत का काम दिन में नहीं हो पाएगा, इसलिए रात में करना पड़ेगा।
आज-कल में बीत रहा समय
लोकनिर्माण विभाग के सूत्रों के अनुसार विभाग को गांधी गेट के वर्तमान हालात की जानकारी है। विभाग के एक अधिकारी ने वहां की तस्वीरें अपने माेबाइल में कैद की हैं। करीब महीनाभर पहले इस अधिकारी ने अपने वरिष्ठ को गांधी गेट के हालात की जानकारी दी है। इस संबंध में चर्चा के बाद उसकी मरम्मत करने पर विचार किया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी मरम्मत करने के लिए मनपा की हेरिटेज समिति को पत्र देकर अनुमति मांगने की स्वीकृति भी दी है लेकिन इस बात को महीनाभर होने के बावजूद लोकनिर्माण विभाग मनपा को एक पत्र तक नहीं दे पाया। इस कारण गांधी गेट की मरम्मत नहीं हो पा रही। आज-कल में ही समय बीत रहा है। वरिष्ठ अधिकारी इसका संज्ञान नहीं ले रहे। जिस अधिकारी के मोबाइल में गांधी गेट की तस्वीरें कैद है, उन्होंने डीबी स्टार को बताया कि गांधी गेट की मरम्मत अतिशीघ्र करना आवश्यक है। यहां से अधिकाधिक आवाजाही होती है। किसी दिन ऊपर से गांधी गेट का कोई हिस्सा किसी राहगीर पर गिर गया तो जानमाल का नुकसान भी हो सकता है।
जल्द मरम्मत की जाएगी
गांधी गेट के हालातों से हम वाकिफ हैं। उसे मरम्मत की दरकार है। इस बारे में हमारे वरिष्ठ अधिकारी को बताया गया है। गांधी गेट हेरिटेज सूची में होने से पत्र देकर उनकी अनुमति लेना आवश्यक है। जल्द ही उन्हें पत्र देकर अनुमति मांगी जाएगी। इसकी मरम्मत पर करीब 4 लाख रुपए खर्च आने का अनुमान है। यह खर्च हेरिटेज कमेटी से मांगा जाएगा। वहां से निधि नहीं मिलने पर विभाग स्वयं की निधि से यह काम करेगा। करीब एक महीने में प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
(प्रशांत पुस्तोडे, शाखा अभियंता, लोकनिर्माण उप विभाग क्रमांक 3)




Created On :   30 Dec 2017 2:58 PM IST