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सौगात मिली पर अधूरी, राशन दुकान मालिक को 50 लाख का सुरक्षा कवर, काम करनेवाला भगवान भरोसे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने राशन दुकानदार की कोरोना से मौत होने पर 50 लाख की बीमा राशि देने का निर्णय लिया है, लेकिन राशन दुकानों में काम करनेवाले सहकारी के लिए फूटी कौड़ी का भी प्रावधान नहीं किया गया। अधिकांश राशन दुकानें सहकारी ही चलाते है और सहकारी की जिंदगी एक तरह से भगवान भरोसे हो गई है। राशन दुकानदारों का कहना है कि सरकार ने बीमा कवच की आधी ही सौगात दी है। जिले में 13 सौ से ज्यादा राशन दुकानें है। राशन दुकानें सप्ताह में छह दिन खोलने का नियम है। अधिकांश राशन दुकानें दुकानदार (मालिक) के कहने पर उनके यहां काम करनेवाले ही चलाते हैं। राशन दुकानों में काम करनेवाले ही राशन बांटते हैं। राशन दुकानों में जो पॉस मशीने लगी हैं, उसमें दुकान मालिक व सहकारी (काम करनेवाला) दोनों के अंगूठे अधिकृत हैं। यानी दुकान मालिक या सहकारी कोई भी इस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन वितरित कर सकते हैं। राशन दुकानदारों ने दुकानदार व सहकारी दोनों के लिए सुरक्षा कवच मांगा था। आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने राशन दुकानदारों को 50 लाख का सुरक्षा कवच देने की मांग मान्य की। राशन दुकानदार इसे अधूरी सौगात मान रहे हैं। उनका कहना है कि दुकान मालिक के आदेश पर दुकानें सहकारी ही चलाते हैं। इसकी अनुमति खाद्यान्न आपूर्ति विभाग से ली गई है। सहकारी के नाम भी पॉस मशीन में दर्ज हैं। ऐसे में केवल दुकानदार को सुरक्षा कवच देना व सहकारी को छोड़ देना अधूरी सौगात है। दोनों को सुरक्षा कवच मिलना चाहिए। सहकारी की जान भी दुकानदार इतनी ही मूल्यवान है।
सहकारी को भी सुरक्षा कवच देने की गुजारिश
गुड्डू अग्रवाल, अध्यक्ष, राशन दुकानदार संघ का कहना है कि राशन दुकान को एक आदमी नहीं चला सकता। मालिक व सहकारी दोनों मिलकर काम करते हैं। कोरोना संक्रमण से मौत होने पर सरकार ने केवल दुकानदार को 50 लाख का सुरक्षा बीमा दिया है। सहकारी का भी सुरक्षा बीमा होना चाहिए। जिलाधीश को निवेदन देकर सहकारी को भी कोरोना काल में 50 लाख का सुरक्षा बीमा देने की गुजारिश राज्य सरकार से की जाएगी।
Created On :   14 Jun 2020 6:59 PM IST