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खाने में निकली इल्लियां, शिकायत पर मैस बंद, चार दिन भूखी रहीं छात्राएं

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। नर्सिंग हॉस्टल में रह रही 180 छात्राओं को विगत चार दिनों से भूखे रहकर काम करना पड़ रहा था। वुधवार को शिकायत के बाद टिफिन की व्यवस्था बनाई गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार हॉस्टल में पहले सामूहिक राशि जमा कर छात्राएं अपने मन मुताविक भोजन बनवाती थी। इस व्यवस्था को सात माह पूर्व मैस का टेण्डर देकर खत्म कर दिया गया। यहां अब ठेकेदार द्वारा मैस नियमों के हिसाब से भोजन व नाश्ता प्रदान किया जा रहा है। लेकिन नर्सिंग छात्राओं द्वारा भोजन की गुणवत्ता एवं भोजन को लापरवारी पूर्वक पकाकर परोसने की शिकायत होते रही है। इस बात को स्वयं वार्डन भी स्वीकारती है। लेकिन इतने लंबे सयम तक प्राचार्य व वार्डन द्वारा कोई लिखित शिकायत न किया जाना सवाल खड़े करता है। वुधवार को छात्राओं ने एक बार फिर मामले की शिकायत सीएस कार्यालय पहुंचकर की है।
प्राचार्य ने जब्त किए स्टोव व हीटर
हॉस्टल में विगत एक अक्टूबर से मैस बंद होने से छात्राओं को तीन दिन तक भूखे रहना पड़ा। क्योंकि विवाद के बाद कुछ छात्राओं ने हीटर व स्टोव पर भोजन पकाने की व्यवस्था बनाई जिसे प्राचार्य द्वारा जब्त करने की बात स्वयं छात्राओं ने बताई है। छात्राओं ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कुछ छात्राओं ने तो बाहर जाकर भोजन कर लिया, वहीं कुछ ने घर से टिफिन बुला लिया है, पर अधिकांश छात्राओं को बाहर से भी कुछ लाने नहीं दिया गया जिससे उन्हें तीन दिन तकलीफों में बिताने पड़े हैं। इस संबंध में प्राचार्य श्रीमति बंसोड़ से बार बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने मोबाइल ही रिसीव नहीं किया।
नहीं होती भोजन की जांच
हॉस्टल में प्रदाय किए जाने वाले भोजन की कभी भी जांच नहीं की जाती है। जिसके चलते भोजन कितना गुणवत्ता का बन रहा है यहा कहना संभव नहीं है। छात्राएं एवं मैस संचालक दोनो एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे है।
शिकायत के बाद भी नहीं दिया ध्यान
नर्सिंग हॉस्टल में भोजन न करने का छात्राओं ने दशहरा की रात ही एलान कर दिया था। एक अक्टूबर से भोजन न बनाने की घमकी भी दी गई थी। इसके बाद 2 अक्टूबर को सीएमएचओ डाक्टर जेएस गोगिया भी यहां पहुंचे थे तथा छात्राओं को भी समझाइस दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी विवाद नहीं सुलझाया गया।
इनका कहना है
मेरे पास छात्राएं शिकायत लेकर आई थी। प्राचार्य को तत्काल में टिफिन लेकर छात्राओं की व्यवस्था बनाने कहा हैं। कोई भी छात्रा भूखी नहीं रहना चाहिए।
डाक्टर जेएम श्रीवास्तव प्रभारी सीएस
छात्राओं द्वारा भोजन में कीड़े व इल्लियां निकलने की शिकायत बार बार की जाती रही है। लेकिन सुधार कार्य नहीं किए जाने से छात्राओं ने भोजन खाने से इंकार कर दिया। चार दिन के घटनाक्रम के बाद वुधवार को टिफिन की इजाजत दी गई है।
मंगला बांदे हॉस्टल अधीक्षिका
Created On :   5 Oct 2017 12:37 PM IST