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आईटी और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में लड़कियों की दिलचस्पी ज्यादा, मेडिकल में भी आगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लड़कियां लड़कों को पछाड़कर आगे बढ़ रही हैं। नौंकरियों में सबसे आगे हैं। आईटी सेक्टर की बात हो, यां देश के मेडिकल कॉलेज हर तरफ इनकी संख्या ज्यादा है। आपने इंजीनियरों पर बने चुटकुले सुने होंगे। जो इंजीनियरों पर लिखे गए हैं और सिर्फ इंजीनियर ही उन्हें समझ पाते हैं। वैसे तो हमेशा बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियां ही लड़कों से आगे ही रहती हैं। एंट्रेंस एग्जाम पास करने वाली लड़कियों की संख्या बहुत है। असल में कुछ ही लड़कियां इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास कर पाती हैं। वहीं मेडिकल के लिए ली जाने वाली नीट की परीक्षाओं में ये अनुपात 50-50 का है। महाराष्ट्र में साल 2017-2018 के दौरान लगभग 65,000 लड़के और 21,000 लड़कियां शामिल हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट ?
एक रिपोर्ट के अनुसार देश के मेडिकल कॉलेज में 51 प्रतिशत लड़कियां हैं। वहीं गर्ल्स ज्यादा तवज्जो कुछ खास स्ट्रीम या ब्रांचेज को ही देती हैं। इनमें शामिल आईटी, कमप्यूटर सांइस, इलेक्ट्रानिक्स ब्रांच शामिल हैं। गर्ल्स आईटी इंडस्ट्री को सबसे ठीक मानती हैं, क्योंकि पूरी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला सेक्टर और इसी के चलते यहां नौकरियों के ज्यादा मौके मौजूद हैं। हर साल लाखों बच्चे इंजीनियरिंग करते हैं, लेकिन आईटी सेक्टर में मौके ज्यादा होने के बावजूद नौकरी गर्ल्स को ही आसानी से मिलती है। आईटी में कुछ कोर्स ऐसे भी हैं, जिनकी डिमांड मार्केट में तेजी से बढ़ रही है। ऑफिसों में कंप्यूटर्स और सरवर की संख्या बढ़ने के चलते दुनिया भर में नेटवर्क इंजीनियर्स की मांग दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ती जा रही है। जाहिर सी बात है जब तक दुनिया में कंप्यूटर का इस्तेमाल होता रहेगा, तब तक मार्केट में आईटी इंजीनियर की डिमांड बनी रहती है। आईटी और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के लिए लड़कियों में दिलचस्पी बढ़ रही है।
पसंद की बात है
प्रियदर्शनी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर विवेक नानोटी का कहना है कि मेकेनिकल, सिविल, केमिकल इंजीनियरिंग की शाखाओं को गर्व से ‘ब्वायज़ोन’ या लड़कों की स्ट्रीम कहते हैं, इनमें गर्ल्स एडमिशन 18 से 20 प्रतिशत तक है। ज्यादातर गर्ल्स को ये स्ट्रीम पसंद नहीं, जिनमें गर्ल्स की संख्या कम होती है। लेकिन आईटी, कमप्यूटर सांइस, इलेक्ट्रॉनिक्स में अनुपात 60 प्रतिशत का रहता है। ये महज च्वाइस की बात है, बाकी तो दूसरी ब्रांचेज में गर्ल्स की संख्या 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
Created On :   20 Aug 2018 7:33 PM IST