सरकार ने मदद करने में बहुत देरी कर दी, रोमानिया पुलिस का माना आभार

Girls returned from Ukraine expressed their pain
सरकार ने मदद करने में बहुत देरी कर दी, रोमानिया पुलिस का माना आभार
यूक्रेन से लौटी छात्राओं का दर्द सरकार ने मदद करने में बहुत देरी कर दी, रोमानिया पुलिस का माना आभार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूक्रेन में फंसी मेडिकल छात्राएं सेजल सोनटक्के व तनुजा खंडारे गुरुवार को रोमानिया से दिल्ली होकर नागपुर पहुंचीं। नागपुर विमानतल पर परिवार को देखकर उनकी आंखें भर आईं। यूक्रेन के हालात को याद करते ही दोनों सिहर जाते हैं। यूक्रेन के विन्नीस्टिया में डाॅक्टरी की पढ़ाई करने वाली सेजल सोनटक्के ने नागपुर पहुंचने के बाद अपना दर्द बयान किया। उसका कहना है कि यूक्रेन-रूस के बीच जंग के आसार बनने के बाद भी भारत सरकार ने मदद करने में काफी देर कर दी। विद्यार्थियों को बार्डर तक छोड़ने या सलाह देने के लिए भी भारतीय दूतावास की मदद नहीं मिली। विद्यार्थी खुद ही बस से विन्नीस्टिया से चर्नोविसी तक पहुंचे। वहां से विद्यार्थी 8 किमी. पैदल चलकर बुखारेसी सिटी होकर यूक्रेन की बार्डर तक आए। वह तनुजा के साथ 24 घंटे तक बार्डर पर बर्फबारी में फंसी रहीं। बार्डर पर भारतीय विद्यार्थी 24 घंटे या इससे ज्यादा समय तक खुले आसमान के नीचे बर्फबारी में खड़े रहने को मजबूर थे।  यूक्रेनी सैनिक कम संख्या में भारतीयों को बार्डर पार करने दे रहे थे। 

रोमानिया में मिली राहत
बार्डर पार होते ही रोमानिया पुलिस व सेना ने बहुत मदद की। भारतीयों को कपड़े, जूते व ब्लैंकेट दिए। दो रात बड़े कमरों में रखा आैर इस दौरान सभी का ख्याल रखा। खाने के लिए फल के साथ भोजन भी देते रहे। रोमानिया की पुलिस व आर्मी का शुक्रिया। रोमानिया प्रशासन ने बस में बिठाकर एयरपोर्ट तक लाया। रोमानिया में जरूर भारतीय दूतावास के लोग थे। अभी भी हजारों विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे हैं, जिन्हें शीघ्र मदद की जरूरत है। खारकीव व कीव में माहौल बहुत खराब है। 
 

बेटी को देखकर ली चैन की सांस

सेजल की मां माधुरी सोनटक्के के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लौटकर आई बेटी को सुरक्षित देख अब चैन की सांस ले रही हूं। 

           

Created On :   4 March 2022 4:56 PM IST

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