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हॉस्टल में होटल जैसा महंगा भोजन, छात्राओं ने किया खाने से इंकार

डिजिटल डेेस्क, नागपुर । यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में आमतौर पर शहर से बाहर रहने वाले स्टूडेंट रहते हैं । कई स्टूडेंट ऐसेे भी होते हैं जिनकी माली हालत ठीक नहीं होती वे जैसे-तैसे अपनी शिक्षा पूरी करना चाहते हैं लेकिन यूनिवर्सिटी के कड़े नियम और जबर्दस्ती की महंगी शर्तें उन्हें आर्थिक रूप से परेशान कर रहीं हैं। गांधीनगर स्थित गर्ल्स हॉस्टल की मेस इन दिनों छात्राओं की परेशानी का सबब बना हुआ है। यहां हॉस्टल का भोजन होटल की तरह ही महंगा है। मेस के भोजन का विरोध करने पर छात्राओं को हॉस्टल प्रशासन की ओर से परेशान भी किया जा रहा है। ऐसे में हॉस्टल की छात्राओं ने गुप्त तरीके से विवि कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम से मुलाकात करके उन्हें अपनी परेशानी बताई है। छात्राओं ने चेहरे पर दुपट्टा बांध कर कुलसचिव से शिकायत की है, ताकि उनकी पहचान उजागर न हो सके। साथ ही शिकायत पत्र में भी इन छात्राओं ने स्वयं को अज्ञात ही रखा है।
गरीब छात्राएं हो रहीं परेशान
छात्राओं के अनुसार कई गरीब परिवार की छात्राएं हॉस्टल में रह रही हैं। हॉस्टल में किराया कम होने के कारण वे यहां रह रही हैं, लेकिन यहां की मेस का खर्च उनके बस की बात नहीं है। हॉस्टल की मेस में उनसे 2500 रुपए प्रतिमाह वसूल किए जा रहे हैं। छात्राओं ने अपनी शिकायत में लिखा है कि, मेस की ये दरें उनके बजट में नहीं है। यही वजह है कि, अनेक जरूरतमंद छात्राएं होस्टल में रहने में सक्षम नहीं है। छात्राओं के अनुसार बाहर उन्हें इससे कम मूल्य में दोनों वक्त का भोजन उपलब्ध है, लेकिन हाॅस्टल में उन्हें बाहर का भोजन खाने की अनुमति नहीं है। मजबूरन उन्हें महंगा भोजन खाना पड़ा रहा है। छात्राओं ने एक शिकायत यह भी की है कि, छुट्टियों के दिनों में जब महीने में 30 दिन में से महज 17 दिन ही वे मेस में भोजन करती हैं। उनके पैसे कम नहीं किए जाते। उनसे पूरे 30 दिनों के भोजन के पैसे लिए जाते हैं। छात्राओं की शिकायत पर कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम ने जल्द से जल्द इस मामले में समाधान करने का आश्वासन दिया है।

Created On :   2 Dec 2017 2:25 PM IST