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बच्चों को दें अच्छे संस्कार, आज के बच्चे ही हैं कल का उज्वल भविष्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बच्चों को अच्छे संस्कार की नितांत आवश्यकता है। आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं। इन्हें संस्कारी बनाना माता- पिता की बड़ी जिम्मेदारी है। यह उद्गार साध्वीश्री श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी ने श्री गौकथा महोत्सव समिति की ओर से व श्री नागपुर गौरक्षण अनुसंधान केंद्र के तत्वावधान में श्री ‘धेनूधाम’, कच्छी वीसा ग्राउंड में आयोजित गौकथा में व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि इंसान का सबसे स्वर्णिम काल उसका बचपन होता है। जिसका बचपन आनंददायक होता है, उस का पचपन भी अच्छा बीतता है।
बच्चों को संस्कार माता ही देते हैं। जैसा आपका आचरण होगा, वैसे ही संस्कार बच्चों को मिलेंगे। आप क्या कर रहे हो, यह देख कर ही सीखते हैं। बचपन में बच्चों को रोना बहुत जरूरी है। बच्चों के विकास के लिए उनको 24 घंटे में एक-दो बार रोना ही चाहिए। बच्चों का मुंडन संस्कार भी गौमाता के समक्ष करने से उनका मन दिमाग खुल जाता है। उन्होंने कहा कि गौमाता की रक्षा बहुत जरूरी है। गौमाता की रक्षा के लिए जो अपने प्राण न्यौछावर कर दे, उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। गौ माता उसकी हर परिस्थिति में रक्षा करती हैं। गौमाता को खाने रोटी घी-गुड़ लगा कर थाली में रख कर एक-एक टुकड़ा प्रेम से खिलाना चाहिए, ताकि आपके घर बना पूरा भोजन प्रसाद बन जाए।
साध्वीश्री पैदल हुईं शामिल
साध्वीश्री श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी ने सात दिनों तक उपस्थित भक्तजनों को गौमाता की महिमा से अवगत कराया। गुरुवार को कथा का भव्य समापन 108 मंगल कलश की शोभायात्रा के साथ हुआ। शोभायात्रा में साध्वीजी पैदल चल रहीं थीं। शोभायात्रा कथास्थल से निकलकर राधा-कृष्ण मंदिर, वर्धमान नगर पहुंची।
साध्वी श्रद्धा गोपाल पहुंचीं जलाराम प्रार्थना भवन
साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती ने जलाराम प्रार्थना भवन, क्वेटा काॅलनी को भेंट दी। उन्होंने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि गाय हमारे जीवन में भारतीय संस्कृति के अनुसार अमूल्य धन है। गौ की सेवा 33 करोड़ देवताओं की पूजा के समान है। इस अवसर पर जलाराम सत्संग मंडल के सभापति राजेश खख्खर के मार्गदर्शन मे विश्वस्त मंडल तथा भक्तों ने साध्वीश्री का स्वागत किया।
Created On :   20 Dec 2019 1:01 PM IST