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गो एयर उड़ानों का मामला : 100 पायलट सहित वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी भी पायलट को विमान उड़ाने के घंटे तय किए गए हैं। यदि तय समय से अधिक वह उड़ान भरते हैं, तो नियम का उल्लंघन माना जाता है। हाल ही में नागरिक उड्डयन निदेशालय (डीजीसीए) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के उल्लंघन पर विमान कंपनी गो एयर के पायलटों और वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में डीजीसीए ने अपनी जांच में गो एयर प्रबंधन को पायलटों से काम लेने के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी बताया।
गो एयर ने आरोपों को नकारा
जानकारी के अनुसार, नागपुर से गो एयर विमान कंपनी की दिल्ली, मुंबई के अलावा पुणे, बंगलुरु और अहमदाबाद की नियमित 7 उड़ानें हैं। दिसंबर में गो एयर विमान कंपनी ने नागपुर आने वाली कुछ उड़ानों को रद्द कर िदया था। हाल ही में डीजीसीए ने गो एयर के 100 पायलट सहित वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, जिसमें पायलट से एफडीटीएल के नियमों का उल्लंघन करना बताया गया है। वहीं गो एयर आरोपों को नकार रही है। विमान कंपनी का कहना है कि वह डीजीसीए के नियमों का हमेशा ही पालन करती है। डीजीसीए सभी विमान कंपनियों का ऑडिट करती है, जिसमें गो एयर की भी जांच की गई। दूसरी ओर बताया गया है कि िवमान कंपनी द्वारा अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है।
रद्द का कारण यह बताया
गो एयर ने उत्तर भारत में मौसम खराब होने के कारण दिसंबर में कुछ विमानों को रद्द किया था। वहीं इसी बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोध प्रदर्शन के चलते क्रू मेंबर विमानतल तक नहीं पहुंच पा रहे थे, ऐसे में विमानों को रद्द करने का निर्णय लिया गया। दिसंबर में गो एयर ने नागपुर आने वाले विमानों को भी रद्द किया।
आरोप कुछ इस तरह हैं
डीजीसीए ने कंपनी के सॉफ्टवेयर की जांच में दो गड़बड़ियां मिलीं। कंपनी ने एक साल में पायलटों से निर्धारित 1 हजार घंटों से ज्यादा समय तक काम कराया। इसके अलावा उनसे लगातार दो से ज्यादा उड़ान भरवाई गईं। हालांकि डायवर्ट होने पर उड़ान भरते समय यदि घंटे बढ़ते हैं, तो उसे उल्लंघन नहीं माना जाता है और आपातकालीन स्थिति में भी रियायत दी जाती है।
Created On :   8 Jan 2020 8:36 PM IST