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गोखले ने व्यावसायिक नाटक की शुरुआत नागपुर से की थी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वरिष्ठ अभिनेता विक्रम गोखले का शनिवार को निधन हो गया। उनके जाने से मराठी फिल्म क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। जानकार बताते हैं कि अपनी कला से फिल्मी दुनिया के अजातशत्रु कहे जाने वाले विक्रम गोखले के व्यावसायिक नाटक की शुरुआत नागपुर से हुई थी। ख्यातनाम निवेदक और नाट्य समीक्षक प्रकाश एदलाबादकर ने बताया कि कला वैभव के मोहन तोंडवलकर ने ‘जास्वंदी’ नाटक की निर्मिती की थी। जास्वंदी सई परांजपे का नाटक 1976 में पॉप्युलर प्रकाशन ने प्रकाशित किया था। पुस्तक स्वरूप में आने के पहले ही उसका हिंदी, गुजराती और सिंधी भाषा में प्रयोग हुआ था। इसके बाद मराठी का प्रयोग हुआ। कला वैभव का जास्वंदी लोगों को बहुत पसंद आया। विक्रम गोखले को सामाजिक कार्यों में काफी रुचि थी। नागपुर में आने पर वे हमेशा संस्थाओं से मिलकर उनकी मदद करते थे। नागपुर में आने पर उन्होंने दिघोरी के वृद्धाश्रम और नंदनवन दुर्बल मनस्क शाला को भेंट दी थी। मैं उनके साथ था। वरिष्ठ अभिनेता व अजित दिवाडकर ने बैरिस्टर की याद दिलाई। बैरिस्टर नाटक के लिए गोखले नागपुर में आए थे। धनवंट मंदिर में उसका प्रयोग हुआ था। वे लोगों को अपने व्यक्तित्व से आकर्षित करते थे। मी माझ्या मुलांचा, मकरंद राजाध्यक्ष जैसे नाटक खूब चर्चा में रहे। अभिनय की नैसर्गिक शैली, शब्दोच्चार, अर्थपूर्ण शब्द उनकी पहचान थी।
उम्दा अभिनेता थे
वे मेरे पुराने मित्र थे। उनके निधन की खबर से अपेक्षित नहीं थी। वे एक उम्दा अभिनेता थे।
-महेश एलकुंचवार, ख्यातनाम नाटककार
व्यक्तिगत संबंध थे
मेरे और गोखले के व्यक्तिगत संबंध थे। एक बार उनके नाटक की टीम विधायक निवास में रुकी थी। गोखले के लिए होटल बुक किया था, लेकिन यह पता चलने पर उन्होंने होटल की बुकिंग रद्द कर विधायक निवास में ठहरने चले गए।
-किशोर आयलवार, नाट्य अभिनेता
अपरिमित हानि हुई
विक्रम गोखले सिर्फ असामान्य कलाकार ही नहीं थे, बल्कि उत्तम व्यक्ति और सामाजिक संबंध को जानने वाले एक सुजान नागरिक के रूप में भी उनकी जनसामान्य में पहचान थी। उनके निधन से अभिनय क्षेत्र ही नहीं, सामाजिक क्षेत्र को भी अपरिमित हानि हुई है।
-संदीप जोशी, पूर्व महापौर
Created On :   27 Nov 2022 7:22 PM IST