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भ्रूण परीक्षण संबंधी रोकथाम में नागपुर प्रदेश ही नहीं, देश में भी काफी बेहतर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले दो वर्षों की तुलना में नागपुर में जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार दर्ज हुआ है। वर्ष 2018 में शहर में कुल 58395 बच्चों का जन्म हुआ, जिसमें से 30134 लड़के व 28261 लड़कियां हैं। यानी जन्म के समय लिंगानुपात प्रति 1000 लड़कों पर 937 लड़कियां हैं। मनपा के आंकड़ों के अनुसार यह वर्ष 2017 और 2016 की तुलना में बेहतर है। वर्ष 2017 में यह 933 और 2016 में 930 दर्ज किया गया था। हालांकि यह आंकड़ा वर्ष 2015 की तुलना में कम ही है, जब प्रति हजार लड़कों पर 944 लड़कियों का जन्म दर्ज हुआ था।
राज्य व देश की तुलना में शहर में लिंगानुपात का औसत बेहतर है। रजिस्ट्रार जनरल और जनसंख्या आयुक्त की ओर दिए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात 904 और देश में 877 दर्ज किया गया था। हालांकि नागपुर जिले में वर्ष 2011 में हुए जनगणना में लिंगानुपात 951 दर्ज किया गया था। केंद्र सरकार ने सभी नगर निकायों के लिए लिंगानुपात में सुधार का लक्ष्य 994 दिया है। ऐसे में नागपुर में हुआ सुधार अहम है।
गायनाकाॅलजिस्ट वैदेही मराठे के अनुसार, शहर के लिए यह उपलब्धि महत्वपूर्ण है। शहर लिंगानुपात के मामले में देश के बेहतर नतीजे वाले शहरों में शामिल है। इस दिशा में काफी सुधार दर्ज हुआ है। शहर में लिंग की पहचान रोकने के लिए नागपुर ऑबेस्ट्रिक एंड गाइनकॉलजिकल सोसाइटी काफी काम किया है। इसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं। यहां तक कि लोगों में भी जागरूकता बढ़ी है। अब लोग इस तरह की पूछताछ भी नहीं के बराबर करते हैं। इस दिशा में और बेहतर नतीजों के लिए पड़ोसी राज्यों में भी भ्रूण परीक्षण संबंधी रोकथाम को कड़ाई से लागू किए जाने की जरूरत है।
वर्ष लिंग अनुपात
2008 919
2009 920
2010 911
2011 934
2012 929
2013 937
2014 933
2015 944
2016 930
2017 933
2018 937
आंकड़ा प्रति हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या
Created On :   2 Jan 2019 11:15 AM GMT