गोसीखुर्द प्रोजेक्ट का काम अधूरा, 2 साल और करना होगा इंतजार

Gosikhurd project will be completed after two years
गोसीखुर्द प्रोजेक्ट का काम अधूरा, 2 साल और करना होगा इंतजार
गोसीखुर्द प्रोजेक्ट का काम अधूरा, 2 साल और करना होगा इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के रूप में घोषित गोसीखुर्द परियोजना का कार्य अभी और दो से ढाई साल चलेगा। बता दें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कर केंद्र सरकार से विशेष निधि आवंटन की घोषणा की गई थी। इसके बावजूद गोसीखुर्द प्रोजेक्ट को पूरा देखने के लिए और भी इंतजार करना पड़ेगा। यह जानकारी विदर्भ पाटबंधारे विकास महामंडल के कार्यकारी संचालक अविनाश सुर्वे ने दी।

सर्वे ने बताया कि गोसीखुर्द परियोजना दिसंबर 2020 तक पूरी होगी। हालांकि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी इसे दिसंबर 2019 तक पूरा करना चाहते हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 2017 तक काम पूरा करने का दावा करते रहे हैं। सुर्वे ने बताया कि 2014 से पहले अपेक्षित निधि आवंटन नहीं होने से इस परियोजना का काम आगे नहीं बढ़ पाया। वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद निधि आवंटित किए जाने से काम की गति बढ़ी है। हाल ही में 630 करोड़ निधि प्राप्त हुई है।  दाहिनी नहर से इस वर्ष असोला मेंढा बांध में पानी छोड़ा गया है। 150 किलोमीटर दूर नहर से पानी पहुंचाने में कामयाबी की अपने-आप में यह पहली मिसाल है। 

चंद्रपुर और भंडारा जिले के किसानों को इस नहर के पानी का खेती की सिंचाई के लिए लाभ मिला है। नेरला योजना अगस्त में कार्यान्वित की गई है। मोखाबरडी योजना दिसंबर तक शुरू करने का नियोजन किया गया है। गोसीखुर्द के साथ विदर्भ की 6 अन्य परियोजनाओं को प्रधानमंत्री प्रकल्प में शामिल किया गया है। पत्र परिषद में गोसीखुर्द परियोजना के मुख्य अभियंता जी. एम. शेख, अभियंता अरुण कांबले उपस्थित थे।

रबी फसल को नहीं मिलेगा पानी

इस वर्ष बारिश कम होने से गोसीखुर्द परियोजना की बाई नहर से रबी फसल के पानी नहीं छोड़ा जाएगा। दाहिनी नहर के लिए भी यही भूमिका ली गई थी, लेकिन किसानों के अति आग्रह के बाद परियोजना से 30 किलोमीटर के दायरे में रबी फसल के लिए पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। जून 2018 के बाद दोनों फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सकता है।

विदर्भ की 7 परियोजनाओं पर फोकस 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत गति वर्धित सिंचाई कार्यक्रम में विदर्भ की 6 बड़ी और 1 छोटी परियोजना को समयसीमा में पूरा करने पर फोकस किया गया है। इसमें बावनथड़ी परियोजना (भंडारा जिला), खड़कपूर्णा (बुलढाणा जिला), डोंगरगांव (चंद्रपुर जिला), निम्न वर्धा (वर्धा जिला), गोसीखुर्द राष्ट्रीय प्रकल्प (भंडारा जिला), बेंबला (यवतमाल जिला), िनम्न पेढी (अमरावती जिला) का समावेश है। 

150 परिवारों का स्थलांतरण बाकी 

गोसीखुर्द परियोजना अंतर्गत 150 गांवों का स्थालांतरण होना बाकी है। इसके चलते जलभंडारण पूरी क्षमता तक नहीं किया जा रहा है। अगस्त 2018 तक इन परिवारों का स्थलांतरण किया जाएगा। इसके बाद ही पूरी क्षमता तक जलभंडारण किया जा सकेगा।

एनबीसीसी के साथ ठेका करार

गोसीखुर्द परियोजना के शेष काम पूरे करने के लिए एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड के साथ सामंजस्य करार किया गया है। प्रथम चरण में 1057 करोड़ के काम एनबीसीसी के माध्यम से पूरे किए जाएंगे।
 

Created On :   4 Nov 2017 2:52 PM IST

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