गोटमार मेला : पत्थरबाजी में 400 से अधिक घायल, 10 गंभीर

Gotmar fair: More than 300 injured, 6 serious, people were excited to see the police
गोटमार मेला : पत्थरबाजी में 400 से अधिक घायल, 10 गंभीर
गोटमार मेला : पत्थरबाजी में 400 से अधिक घायल, 10 गंभीर

डिजिटल डेस्क, पांढुर्ना (छिंदवाड़ा)। नगर में जाम नदी के तट पर मंगलवार को पारंपरिक गोटमार मेले का आयोजन हुआ। मेले में इस साल 300 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 10 की हालत गंभीर है। हालांकि पीटीआई ने घायलों की संख्या 400 बताई है।

शाम करीब 7 बजे आपसी सहमति से झंडा तोड़कर गोटमार मेले का समापन किया गया। इसके बाद पांढुर्ना के खिलाड़ियों ने मां चंडिका के दरबार में अर्पित कर मेले का समापन किया। गोटमार मेले में घायल होने वाले खिलाड़ियों के लिए चार मेडीकल कैम्प लगाए है।

परंपरा के अनुसार मंदिर में मां चंडिका की आरती की गई। जाम नदी पर पांढुर्ना और सावरगांव के संगम पर वर्षों पुरानी गोटमार खेलने की परंपरा निभाते हुए दोनों पक्षों के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे पर पत्थर बरसाए। गोटमार मेले के दौरान कलेक्टर जेके जैन और एसपी गौरव तिवारी ने सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बढ़ती भीड़ और असुरक्षा को देखते हुए पुलिस को तीन आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। 

गोटमार मेले में इस बार चार मेडीकल कैम्पों का रिकार्ड अस्त-व्यस्त हो गया और दो कैम्प दोपहर में ही बंद हो गए। कहीं भी घायलों की स्पष्ट संख्या नहीं मिल पाई। मिली जानकारी के अनुसार घायलों में राजू ढोमने तीगांव और रामा कुमरे कलमेश्वर को नागपुर रेफर किया गया। इसके अलावा 57 घायलों का स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार किया गया, जिन्हें देर शाम को छुट्टी दे दी गई।

पुलिस पर बरसा आक्रोश

इस साल पुलिस प्रशासन ने गोटमार मेले में घायलों की संख्या कम करने के लिए शुरू से पत्थर नहीं डालने और अन्य तरह की सख्तियां अपनाई थी। जिसके कारण खेल स्थल पर बहुत कम मात्रा में पत्थर पहुंच पाए थे। मंगलवार की सुबह 9 बजे दोपहर 2 बजे तक खेल स्थल पर कोई विशेष पथराव नहीं हुआ। सावरगांव पक्ष के लोग गुजरी बाजार से लेकर कानजी हाउस तक पांढुर्ना वालों के साथ मिलकर पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाते रहे। पूरे दिन लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने खेल स्थल पर पत्थर नहीं डालने दिए। जिसके कारण लोगों में अधिक आक्रोश पनप गया।

एंबुलेंस पलटाई, पुलिस कर्मियों को कमरे में बंद किया 

आक्रोशित भीड़ ने पहले सामुदायिक भवन के सामने खड़ी एंबुलेंस को अपना निशाना बनाया। लोगों ने एंबुलेंस के कांच तोड़कर उसे पलटा दिया। इसके बाद यहां लगभग 15 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सामुदायिक भवन में बंद होने के लिए मजबूर कर दिया। भवन के सामने भीड़ ने सबको घेर लिया। इसके बाद गुजरी बाजार में लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की और यहां भी पुलिस बल के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए धक्का-मुक्की और पथराव किया। पुलिस पर बढ़ता दबाव देख एडीशनल एसपी नीरज सोनी ने सामुदायिक भवन और गुजरी चौक में भारी पुलिस बल के साथ आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर किया।

डॉक्टरों के साथ भी गाली गलौच

यह पहला अवसर है, जब आक्रोशित भीड़ ने डॉक्टरों को भी अपना निशाना बनाया और डॉक्टरों के साथ गाली-गलौच भी की। आखिरकार सावरगांव का एक मेडीकल कैम्प बंद हो गया। इसी तरह पांढुर्ना की ओर मारोती मंदिर का मेडीकल कैम्प भी दोपहर बाद बंद कर दिया गया। डॉक्टरों ने सामुदायिक भवन कैम्प आकर घायलों का उपचार किया। लोगों के आचरण से आहत डॉक्टरों ने खुद को दो बार कमरों में कैद कर लिया था। पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद पुन: उपचार शुरू हो पाया।

खेल उत्सव में दिखाया उत्साह

गोटमार मेले के अवसर पर नगर पालिका मैदान में सद्भावना खेल महोत्सव के तहत खेल स्पर्धाएं होती रही। जिला प्रशासन और जिला ओलंपिक संघ के तत्वाधान में आयोजित महोत्सव में खो-खो, वालीबॉल, कबड्डी सहित अन्य खेल स्पर्धाएं हुई। समापन पर खेल प्रतियोगिताओं के विजेता और उपविजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। गोटमार मेले में पहुंचने वाले खिलाड़ियों को पत्थरबाजी के खेल के बजाए खेल स्पर्धाओं में सम्मिलित करने के उद्देश्य से मेले के दौरान शासन के निर्देश पर खेल महोत्सव आयोजित किया, खिलाड़ियों ने उत्साह दिखाया। काफी हद तक प्रशासन का प्रयास सफल रहा।

मां चंडिका के दरबार में लगा मेला

नगर की आराध्य देवी मां चंडिका के मंदिर में दर्शन करने भक्तों का सैलाब उमड़ा। हर किसी भक्त ने माता के चरणों में माथा टेका और कामना की। सुबह से मेले के समापन अवसर तक मां चंडिका के मंदिर में दर्शन और पूजन का सिलसिला चलता रहा। गोटमार मेले के अवसर पर चंडी माता मंदिर समिति की ओर से दर्शन करने आए भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया। 

पुलिस छावनी बना पांढुर्ना शहर

गोटमार मेले के चलते पांढुर्ना शहर पुलिस छावनी बना रहा। मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पांढुर्ना शहर में चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। मेला स्थल और शहर के सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था के अलावा शहर में आने-जाने वाले वाहनों और लोगों पर नजर रखने भी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। मेले की गंभीरता भांपते हुए कलेक्टर जेके जैन, एसपी गौरव तिवारी, एडिशनल एसपी नीरज सोनी दिनभर पांढुर्ना में डटे रहे। इन अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा कर गतिविधियों पर नजर भी रखी। स्थानीय सभी प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी मेले के दौरान व्यवस्था में लगे रहे।

गोफन पर रही निगरानी

चप्पे-चप्पे पर वर्दीधारी पुलिस बल की तैनाती के अलावा पुलिस जवानों की कुछ टुकड़ियां सिविल ड्रेस में भी मेले के दौरान तैनात रही। गोफन चलाने वालों पर नजर रखने के लिए सिविल में इन पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इस साल पांढुर्ना और सावरगांव किसी भी ओर से गोफन का असर नजर नहीं आया। हर साल खिलाड़ियों के अलावा दर्शकों के लिए गोफन के पत्थर घातक बनते रहे हैं, पर इस बार पुलिस की देखरेख से गोफन बंद रही।

Created On :   22 Aug 2017 10:08 PM IST

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