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नगरसेवकों को अपात्र ठहराने के फैसले के खिलाफ सरकार सक्रिय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्थानीय स्वराज संस्थाओं के सदस्यों को 6 साल के लिए अपात्र ठहराने के फैसले के खिलाफ, सरकार के समक्ष अपील के लिए फिर से अध्यादेश लाया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया। संबंधित कानून में संशोधन का विधेयक, मानसून सत्र में विधानपरिषद में पारित नहीं हो सका था।
महाराष्ट्र स्थानीय प्राधिकरण सदस्य अनर्हता अधिनियम-1986 के अनुसार स्थानीय निकाय संस्थाओं के सदस्य अपनी पार्टी, आघाड़ी या फ्रंट के निर्देशों के खिलाफ यदि मतदान करते हैं या मतदान से अनुपस्थित रहते हैं तो उन्हें 6 साल के लिए अपात्र ठहराने का प्रावधान है। अपात्र ठहराए जाने पर 90 दिनों के भीतर डीएम अथवा संबंधित मनपा आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकती है। दोनों के फैसले के खिलाफ कहीं और अपील करने का प्रावधान नहीं है। इसलिए फडणवीस सरकार कानून में संशोधन कर, सरकार के समक्ष अपील करने का एक मौका देना चाहती है। इस संबंध में 1 जुलाई 2017 को राज्यपाल द्वारा जारी अध्यादेश को विधेयक में तब्दील करने के लिए विधानसभा में पेश किया गया था। विधानसभा में यह पारित हो गया, लेकिन विधानपरिषद में बहुमत नहीं होने के कारण पारित नहीं हो सका था।
सरपंच के सीधे चुनाव के लिए भी अध्यादेश
राज्य में सरपंच के सीधे चुनाव के लिए फिर से अध्यादेश जारी करने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। विधानमंडल के बीते सत्र में ग्राम पंचायत अधिनियम में संशोधन का विधेयक पारित नहीं हो सका था। इस कारण सरकार को फिर से अध्यादेश का सहारा लेना पड़ रहा है।
Created On :   30 Aug 2017 8:14 PM IST