स्नातक-स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष परीक्षा रद्द करने यूजीसी से की गई मांग

Government demand to cancellation of post-graduate final year examination
स्नातक-स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष परीक्षा रद्द करने यूजीसी से की गई मांग
स्नातक-स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष परीक्षा रद्द करने यूजीसी से की गई मांग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों के स्नातक और स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा रद्द करने की मांग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से की है। इस संबंध में प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यूजीसी को पत्र लिखा है। मंगलवार को सामंत ने फेसबुक के माध्यम विद्यार्थियों से संवाद करते हुए जानकारी दी। सामंत ने कहा कि सरकार ने यूजीसी से अंतिम वर्ष की अंतिम सेमेस्टर परीक्षा रद्द करके छात्रों को ग्रेडेशन के आधार पर डिग्री देने के लिए अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि यूजीसी को राज्य सरकार के पत्र के संबंध में फैसला करना पड़ेगा। अगर यूजीसी ने फैसला नहीं लिया, तो आगामी दो दिनों में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की एक बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सामंत, प्रदेश के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता और उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव विजय सौरभ शामिल होंगे। इस बैठक में यूजीसी के दिशानिर्देश के अनुसार ग्रेडेशन पद्धति को स्वीकार कर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सहमति से अगला फैसला किया जाएगा। 

सामंत ने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के अंतिम वर्ष के अंतिम सत्र की परीक्षा 1 से 30 जुलाई के बीच लेने की घोषणा की गई थी। लेकिन सरकार ने यूजीसी से कहा है कि राज्य में कोरोना संकट की स्थिति में परीक्षा का आयोजन संभव नहीं है। अगर परीक्षा लेने की कोशिश की गई, तो विद्यार्थियों में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है। इसलिए राज्य के 8 से 10 लाख विद्यार्थियों पर पड़ने वाले दबाव के मद्देनजर परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। सामंत ने कहा कि रद्द परीक्षाओं की परीक्षा फीस अगले सत्र में इस्तेमाल करने अथवा उसे वापस करने के बारे में चर्चा शुरू है। इससे पहले सामंत ने 8 मई को स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के आखिरी वर्ष के अंतिम सेमेस्टर के अलावा सभी परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की थी। 

तहसील स्तर पर होगी सीईटी की परीक्षा 

सामंत ने कहा कि राज्य में सामाईक प्रवेश परीक्षा (सीईटी) की परीक्षा जुलाई में ली जाएगी। सीईटी की परीक्षा जिले की बजाय अब तहसील स्तर पर आयोजित की जाएगी। विद्यार्थियों को अपने परीक्षा सेंटर बदलने की छूट दी जाएगी। राज्य में 5 लाख 26 हजार 907 विद्यार्थी सीईटी परीक्षा देंगे। यदि विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने में असुविधा होगी, तो उन्हें पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाएगी। सामंत ने कहा कि अगर कोरोना की स्थिति ऐसी बनी रही तो भविष्य में परिस्थिति के अनुसार फैसला किया जाएगा। 

Created On :   19 May 2020 6:41 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story