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सरकार 12 साल बाद वापस मांग रही बारदाना, शिक्षा विभाग के सामने नया संकट गहराया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार के उलजलूल फरफान से सरकारी विभाग के कर्मचारियों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाता है। ऐसा ही संकट इन दिनों शिक्षा विभाग के सामने आ गया है। 12 साल पहले जिन बारदानों में पोषण आहार के चावल दिए गए थे, अब सरकार वह बारदाने वापस मांग रही है। शालेय पोषण आहार के लिए सरकार की ओर से स्कूलों में चावल आपूर्ति की जाती है। चावल के बारदाने (बोरियां) स्कूल में जमा रखने के आदेश दिए गए थे। अब अचानक खाली बारदाने वापस करने के आदेश जारी किए गए हैं। 12 साल बाद शिक्षा विभाग को खाली बारदाने वापस मांगने की याद आने से स्कूल प्रबंधन में खलबली मच गई है।
अधिकांश स्कूलों में बारदाने नहीं रहने से इसके बदले में नकद रकम चुकाने के आदेश दिए गए हैं। प्रति बारदाना 2 रुपए 80 पैसे के हिसाब से 2 लाख, 75 हजार रुपए स्कूल प्रबंधनों द्वारा चुकाए गए हैं। अभी और ढाई लाख रुपए स्कूलों से आने अपेक्षित हैं। कक्षा प्रथम से 8वीं के विद्यार्थियों को शालेय पोषण आहार दिया जाता है। पोषण आहार के लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा स्कूलों को चावल की आपूर्ति की जाती है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में दाल, मूंग, तेल, मिर्च पावडर, मसाला तथा अन्य सामग्री जिला परिषद के शालेय पोषण आहार विभाग द्वारा आपूर्ति की जाती है। सब्जी, ईंधन और पकाने का खर्च प्रति विद्यार्थी 1.57 रुपए स्कूल को दिया जाता है। शहरी क्षेत्र की स्कूलों में भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल दिया जाता है। अन्य खर्च के रूप में 4.13 रुपए प्रति विद्यार्थी स्कूल को अदा किया जाता है।
सड़ गए हैं बारदाने
चावल के खाली बारदाने स्कूल में जमा रखने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। स्कूलों ने निर्देशों का पालन करते हुए जमा भी किए, परंतु 12 वर्षों से जमा बारदाने रखी जगह पर सड़ गए। उठाने पर उसके टुकड़े हाथ में आ रहे हैं। जर्जर बारदाने कैसे लौटाएं, यह सवाल स्कूल प्रबंधन के सामने खड़ा है। जो स्कूल खाली बारदाने नहीं लौटा पा रहे, उन्हें प्रति बारदाना 2.80 रुपए के हिसाब से नकद रकम चुकाने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूलों पर अतिरिक्त बोझ
स्कूलों में जमा किए गए बारदाने वापस करने की हालात में नहीं रहे। इसके बदले में बारदाने की कीमत चुकानी पड़ रही है। समय रहते बारदाने वापस करने के आदेश दिए जाते, तो स्कूलों को कीमत चुकाने की नौबत नहीं आती। प्रशासन की लापरवाही से स्कूलों पर बारदाने की रकम का अतिरिक्त बाेझ पड़ रहा है।
Created On :   29 Jun 2018 1:31 PM IST