- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- कीटनाशक कंपनियों के खिलाफ CBI जांच...
कीटनाशक कंपनियों के खिलाफ CBI जांच करें केंद्र : राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्राकृतिक आपदा और प्रशासनिक व्यवस्था ने पहले ही किसानों को परेशान कर रखा उस पर अब कीटनाशक का छिड़काव उनके सामने एक नई परेशानी बनकर खड़ा हो गया है। कीटनाशक से छिड़काव से हो रही घटनाएं दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। अब इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को कदम उठाना पड़ रहा है। जिस तरह से इसकी बिक्री और उपयोग हो रहा है उससे कीटनाशक बिक्री पर नियंत्रण लगा पाना टेढ़ी खीर लग रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनमानी कीटनाशक बिक्री हो रही है। विदेशों की कंपनियों से लाभ पाने वाले लोगों में प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर राजनीतिक व कृषि अनुसंधान क्षेत्र के लोगों की लिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। विविध एजेंसियों के अलावा शेतकरी स्वालंबन मिशन ने भी राज्य को इस संबंध में रिपोर्ट दी है। सूत्रों के अनुसार कीटनाशक कालाबाजारी के नेटवर्क के बारे में जानकर राज्य सरकार के प्रमुख नीतिगत निर्णायक लोग भी हैरान है। इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही सरकार ने केंद्र से कीटनाशक कंपनियों की सीबीआई जांच की मांग की है। इस बीच यह भी खबर है कि कीटनाशक कालाबाजारी को रोकने के लिए विविध राज्यों के कृषि विभाग संयुक्त छापेमारी अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। कीटनाशक छिड़काव में सावधानी के लिए कीटनाशक कंपनियों की सहायता व जवाबदारी भी निश्चित की जा रही है।
ये भी पढ़ें- कीटनाशक से मौत मामला: सरकार ने कोर्ट में पेश किया कार्रवाई का ब्योरा
राष्ट्रीय कपास अनुसंधान केंद्र से जुड़े सूत्रों के अनुसार कीटनाशक कंपनियों के अधिकार पर ही नियंत्रण नहीं है। कीटनाशक कंपनियां बीज बिक्री का व्यवसाय भी करती है। अमेरिका की एक कंपनी का इतना प्रभाव है कि वह भारत सरकार की अनुमति के बिना ही कीटनाशक बेचती है। कई बार शिकायतों के बाद भी कंपनी पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। अमेरिकी कंपनी की मनमानी को इसी से समझा जा सकता है कि वह हर्बीसाइड टालरंस अर्थात घास नाश निरोधक दवा मनमाने तौर पर बेचती है। जबकि भारत में उस तरह की तकनीकी ही नहीं है जो अमेरिका की कंपनी इस्तेमाल करा रही है।
जिले में धरपकड़
कीटनाशक बिक्री दुकानों पर धरपकड़ के लिए जिले में व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। विषबाधा के मामले सामने आने के बाद जिला कृषि विभाग ने जिले में 47 कीटनाशकों की बिक्री पर रोक लगाई है। अप्रमाणित कीटनाशक बिक्री के मामले में 15 लोगों के विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया गया है। कीटनाशक बिक्री निगरानी के लिए 15 दक्षता टीम बनाई गई। संभाग स्तर पर 1, जिला स्तर पर 1 व तहसील स्तर पर 13 दस्तें हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी अप्रमाणित कीटनाशक बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं लग पाई है।
ये भी पढ़ें- सीएम सख्त: नकली बीज और कीटनाशक बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
काफी बड़ा है नेटवर्क
कपास अनुसंधान संस्थान के प्रमुख रहे सीडी मायी के अनुसार कीटनाशक व बीज की कालाबाजारी का नेटवर्क काफी बड़ा है। तेलंगाना व गुजरात से कीटनाशक व कृषि उपज बीज की अवैध आपूर्ति की जानकारी बार-बार सामने आते रही है। इस कालाबाजारी का मार्केट कम से कम 472 करोड़ का है। 35 लाख पैकेट कपास बीज अवैध मार्ग से बिकते हैं।
इन कंपनियों की होगी जांच
नागपुर क्षेत्र में कीटनाशक व बीज बिक्री के मामले में जिन 5 कंपनियों की सीबीआई जांच की तैयारी चल रही है उनमें जादू, एटीएम, अर्जुना, बलभद्रा व कृष्णामोल शामिल है। इनमें से एक कंपनी कावेरी सीड्स बेचती है। कावेरी सीड्स आंध्रप्रदेश की कंपनी है।
क्या कहते हैं जानकार
अभय सावजी, विभागीय तकनीकी अधिकारी, गुण नियंत्रक शाखा सहायक कृषि संचालनालय का कहना है कि कीटनाशक कंपनियों पर नियंत्रण तो आवश्यक है ही, कीटनाशक छिड़काव के लिए जनजागृति की आवश्यकता है। विभागीय स्तर पर कृषि विभाग जागृति अभियान चला रहा है। गांव गांव में पर्चे बांटे गए हैं। नुक्कड़ सभाएं ली जा रही हैं। कीटनाशक छिड़काव के समय मुंह पर मास्क लगाना आवश्यक है। कई बार छिड़काव के समय ही तंबाकू खाना जानलेवा साबित हो सकता है। लापरवाही से छिड़काव के दौरान जहरीले रासायनिक फामूर्ले बन जाते हैं। कीटनाशक छिड़काव के लिए केमिस्ट की सलाह लेना भी आवश्यक है।
नीतियों में बदलाव आवश्यक
महाराष्ट्र शेतकरी स्वावलंबी मिशन अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा कि कृषि बीज व कीटनाशक के मामले में सरकार की नीतियों में बदलाव आवश्यक है। बीज की रायल्टी के नाम पर विदेशी कंपनी 10 हजार करोड़ रुपए तक वसूल कर चुकी है। कृषि व किसान को संकट में डालने का काम विदेशी कंपनियां कर रही हैं। सरकार बदलती रही है, लेकिन कृषि संकट में बदलाव नहीं आया है। सीबीआई जांच में कई खुलासे हो सकते हैं।महाराष्ट्र शेतकरी स्वावलंबी मिशन अध्यक्ष किशोर तिवारी
Created On :   4 Nov 2017 2:21 PM IST