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अरहर दाल का साइड इफेक्ट, राशन दुकानदार और आधिकारियों के बीच नहीं बन रही बात

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दाल को लेकर पहले से सही नियोजन न करना अब सरकार के लिए घाटे का सौदा हो सकता है। राशन दुकानदार और खाद्यान्न अधिकारी के बीच दाल गलेगी की नहीं इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। या यूं कहें कि राशन दुकानों से तुअर दाल बेचने के फैसले का ‘साइड इफेक्ट’ अभी से दिखाई देने लगा है। यह ‘साइड इफेक्ट’ राशन दुकानदार व खाद्यान्न अधिकारी दोनों पर दिखाई दे रहा है। सरकारी फैसले पर अमल करते हुए खाद्यान्न अधिकारी ‘दाल लो दाल’ का निवेदन राशन दुकानदारों से कर रहे हैं तो राशन दुकानदार दाल की क्वालिटी देखने के बाद ही सही जवाब देने की बात कह रहे हैं। राशन दुकानदार इसके पूर्व सरकारी दाल लेकर बुरे फंसे थे।
सैंपल देखने के बाद निकल सकता है हल
राज्य सरकार ने राशन दुकानों से 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब दाल बेचने का फैसला किया है। राज्य सरकार के पास 25 लाख क्विंटल तुअर दाल है। सरकार गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के साथ ही केसरी कार्डवालों को भी तुअर दाल बेचने का फैसला किया है। यह दाल शीघ्र ही नागपुर पहुंचने वाली है। नागपुर शहर में दाल का कितना स्टॉक लगेगा, इसका पता खाद्यान्न विभाग के अधिकारियों को लगाना है। इसीलिए खाद्यान्न विभाग के अधिकारी अपने-अपने जोन के तहत आनेवाले राशन दुकानदारों से तुअर दाल के बारे में चर्चा कर यह जानना चाहते हैं कि आपको कितनी दाल लगेगी। सरकार दाल का ज्यादा से ज्यादा स्टाक नागपुर भेजना चाहती है। राशन दुकानदारों की समस्या यह है कि सरकारी दाल का सैंपल देखने की फिलहाल नागपुर में व्यवस्था नहीं है।
पहले लेंगे थोड़ी-थोड़ी दाल
राशन दुकानदार संगठन के सूत्रों ने बताया कि अनाज के लिए जोन अधिकारी व निरीक्षक के पास जाना पड़ता है। संबंध भी खराब न हो आैर काम भी बने, इसलिए दाल की पहली खेप सीमित मात्रा में मंगाई जाएगी। दाल की क्वालिटी अच्छी रही तो बड़े पैमाने पर दाल मंगाई जाएगी। हम बिना देखे दाल का ज्यादा स्टाक बुलाकर पैसा जाम करने की स्थिति में नहीं है।
Created On :   1 Dec 2017 3:44 PM IST