सरकार ने दवाइयों केलिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के परिचालन संबंधी दिशा निर्देश जारी किएदवा उद्योग से आवेदन आमंत्रित किए गए!

डिजिटल डेस्क | रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय सरकार ने दवाइयों केलिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के परिचालन संबंधी दिशा निर्देश जारी किए दवा उद्योग से आवेदन आमंत्रित किए गए| दवा के क्षेत्र में निवेश और उत्पादन बढ़ाकर भारत की विनिर्माण संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने और इस क्षेत्र में उच्च मूल्य के सामानों के उत्पाद विविधीकरण में योगदान करने के उद्देश्य से, औषध विभाग ने राजपत्र अधिसूचना संख्या 31026/60/2020–Policy-DoP दिनांक 3 मार्च, 2021 के तहत "प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम फॉर फार्मास्युटिकल्स" को अधिसूचित किया है। इस योजना का स्वीकृत परिव्यय 15000 करोड़ रुपये है।
इस योजना के तहत भारत से बाहर ऐसे वैश्विक चैंपियन तैयार करने की परिकल्पना की गई है, जो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके आकार और पैमाने में बढ़ने और इस तरह वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अपनी दखल बनाने की क्षमता रखते हैं। दवा उद्योग और सरकार में संबद्ध हितधारकों के साथ कई दौर के परामर्श के आधार पर, इस योजना के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं और 1 जून को जारी किए गए हैं। इस योजना के तहत अब दवा उद्योग की ओर से आवेदनों की प्रतीक्षा है। आवेदकों से वित्तीय वर्ष 2019-20 के वैश्विक उत्पादन राजस्व के आधार पर तीन समूहों में आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इस योजना के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए एक विशेष प्रावधान रखा गया है। सभी आवेदन इस योजना के लिए परियोजना प्रबंधन एजेंसी, सिडबी, द्वारा बनाए गए एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जमा किए जाएंगे। जिस ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन दिया जा सकता है, उसका यूआरएल https://pli-pharma.udyamimitra.in है। यह आवेदन विंडो 2 जून, 2021 से लेकर 31 जुलाई, 2021 तक 60 दिनों (दोनों तिथियां सम्मिलित) के लिए है।
पात्रता के योग्य उत्पादों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इस योजना के तहत शामिल उत्पाद फॉर्मूलेशन, बायोफार्मास्यूटिकल, एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रेडिएन्टस, प्रमुख प्रारंभिक सामग्री, ड्रग इंटरमीडिएट्स, इन-विट्रो डायग्नोस्टिक मेडिकल डिवाइसेस इत्यादि से संबंधित हैं। श्रेणी-1 और श्रेणी-2 से संबंधित उत्पाद वृद्धिशील बिक्री पर 10% प्रोत्साहन और श्रेणी-3 से संबंधित उत्पाद 5% प्रोत्साहन मिलते हैं। किसी उत्पाद की वृद्धिशील बिक्री का मतलब एक वर्ष में उस उत्पाद की बिक्री वित्त वर्ष 2019-2020 में उस उत्पाद की हुई बिक्री से कितना अधिक और ऊपर है। दिशानिर्देशों में स्पष्ट रूप से निर्धारित चयन संबंधी मानदंड के आधार पर, इस योजना के तहत अधिकतम 55 आवेदकों का चयन किया जाएगा। एक आवेदक, एक आवेदन के माध्यम से, एक से अधिक उत्पाद के लिए आवेदन कर सकता है और आवेदक द्वारा आवेदन किए गए उत्पाद इन तीन श्रेणियों में से किसी एक से जुड़े हो सकते हैं। इस योजना के तहत आवेदकों को निर्धारित 5 वर्षों की अवधि में प्रति वर्ष न्यूनतम संचयी निवेश हासिल करने की जरूरत होगी।
यह निवेश नए संयंत्र एवं मशीनरी, उपकरण एवं संबंधित उपयोगिताओं, अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण, उत्पाद के पंजीकरण और उस भवन, जहां संयंत्र और मशीनरी स्थापित हैं, पर किए गए खर्च के तहत हो सकता है। 01 अप्रैल, 2020 को या उसके बाद किए गए निवेश को इस योजना के तहत पात्र निवेश माना जाएगा। इसके बाद, चयनित निर्माता 6 साल की अवधि के लिए दवाइयों से संबंधित उत्पादों की वृद्धिशील बिक्री के आधार पर उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) प्राप्त करने में सक्षम होंगे। एक चयनित प्रतिभागी इस योजना की अवधि में अपने समूह के आधार पर क्रमशः 1000 करोड़ रुपये, 250 करोड़ रुपये और 50 करोड़ रुपये का अधिकतम प्रोत्साहन प्राप्त करने में सक्षम होगा।
अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदर्शन के आधार पर, लेकिन कुछ शर्तों के अधीन, उपलब्ध होगा। किसी भी स्थिति में, इस योजना की अवधि के दौरान अतिरिक्त प्रोत्साहन सहित कुल प्रोत्साहन तीन समूहों के लिए क्रमशः 1200 करोड़ रुपये, 300 करोड़ रुपये और 60 करोड़ रुपये प्रति चयनित प्रतिभागी से अधिक नहीं होगा। सचिवों का एक उच्चाधिकार प्राप्त समूह भारत सरकार की अन्य पीएलआई योजनाओं के साथ-साथ इस योजना के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक निश्चित अवधि के अंतराल पर इसकी समीक्षा करेगा। एक तकनीकी समिति योजना के कार्यान्वयन के दौरान उत्पन्न होने वाले सभी तकनीकी समस्याओं के समाधान में विभाग की सहायता करेगी।
Created On :   2 Jun 2021 3:40 PM IST