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मनरेगा मजदूरों के साथ सरकार का मजाक, तीन साल बाद मात्र 2 रुपए बढ़ी मजदूरी

- महाराष्ट्र में अब 201 रुपए के बजाय 203 रुपए प्रतिदिन मजदूरी की दर तय की गई है।
- एमएलए
- एमपी और मिनिस्टर्स पर हर माह लाखों रूपए तक खर्च करने वाली सरकार ने इस बार मनरेगा मजदूरों की मजदूरी मात्र 2 रुपए बढ़ाई गई है।
- श में सबसे ज्यादा मनरेगा के तहत मजदूरी फिलहाल हरियाणा राज्य में घोषित की गई है
- जहां प्रतिदिन मजदूरी की दर 288 रुपए तय की गई है।
- सबसे कम दर बिहार और झारखंड राज्यों के लिए अर्थात 168 रुपए प्रतिदिन प
कुंदन साहू ,नागपुर। एमएलए,एमपी और मिनिस्टर्स पर हर माह लाखों रूपए तक खर्च करने वाली सरकार ने इस बार मनरेगा मजदूरों की मजदूरी मात्र 2 रुपए बढ़ाई गई है। ग्राम विकास मंत्रालय की ओर से 31 मार्च को मनरेगा में काम करनेवाले मजदूरों का मेहनताना तय किया गया है। विभिन्न राज्यों के लिए अलग-अलग मजदूरी तय की गई है। इसके अनुसार, महाराष्ट्र में अब 201 रुपए के बजाय 203 रुपए प्रतिदिन मजदूरी की दर तय की गई है।
तीन साल बाद बढ़ी मजदूरी
खास बात यह है कि मजदूरी में यह दो रुपए का इजाफा तीन साल बाद किया गया है। मजदूरी बढ़ाने के लिए 2013 में टाइम मोशन स्टडी की गई थी, जिसके आधार पर यह मजदूरी की दर तय की गई है। अब 2018-19 के वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से यह मजदूरी लागू की जा रही है। महाराष्ट्र राज्य में फिलहाल मनरेगा के तहत तकरीबन 85 लाख पंजीकृत मनरेगा जॉब कार्ड धारक बताए जाते हैं, इनमें से 51 लाख 98 हजार जॉब कार्ड ही सक्रिय बताए जाते हैं। ग्रामीण भागों में कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी देनेवाली इस राष्ट्रीय योजना के लिए मेहनताने की कम दर हमेशा से विवाद का विषय रहा है। गांवों में भी मजदूरी की दर अधिक होने से योजना के तहत मजदूर नहीं मिल पाते। इस पर भी 203 रुपए मेहनताने का अर्थ यह नहीं है कि काम पर लगने के बाद इतने पैसे मिल ही जाएंगे। अभियंता द्वारा काम का मौज-माप करने के बाद साइट पर मजदूरी की औसत दर तय की जाती है। ऐसे में मनरेगा से कई बार ग्रामीण भागों में मोहभंग भी देखा जाता रहा है।
कम हैं यहां मजदूरी
अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में 203 रुपए मजदूरी की दर बहुत आंकी जा रही है। देश में सबसे ज्यादा मनरेगा के तहत मजदूरी फिलहाल हरियाणा राज्य में घोषित की गई है, जहां प्रतिदिन मजदूरी की दर 288 रुपए तय की गई है। सबसे कम दर बिहार और झारखंड राज्यों के लिए अर्थात 168 रुपए प्रतिदिन प्रति मजदूर की मजदूरी तय की गई है। महाराष्ट्र से ज्यादा मजदूरी पानेवाले ऐसे 15 राज्य हैं, जो 203 रुपए से अधिक मजदूरी दे रहे हैं।
दर राष्ट्रीय स्तर पर तय की जाती है
मजदूरी की यह दर राष्ट्रीय स्तर पर तय की जाती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय विभिन्न राज्यों के लिए यह मजदूरी की दर तय करता है। नए वित्त वर्ष में राज्य में मनरेगा के कामों के लिए मजदूरी की यह दर लागू की जाएगी।
(एएसआर नायक, आयुक्त, मनरेगा, नागपुर)
Created On :   3 April 2018 11:32 AM IST