11वीं सेंट्रलाइज एडमिशन प्रक्रिया में धांधली की होगी जांच, सरकार ने दिए आदेश

Government orders Investigation of 11th Centralized Admission Process
11वीं सेंट्रलाइज एडमिशन प्रक्रिया में धांधली की होगी जांच, सरकार ने दिए आदेश
11वीं सेंट्रलाइज एडमिशन प्रक्रिया में धांधली की होगी जांच, सरकार ने दिए आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर शिक्षा उपसंचालक कार्यालय द्वारा बीते कुछ वर्षों में आयोजित 11वीं कक्षा की सेंट्रलाइज एडमिशन प्रक्रिया में आर्थिक अनियमितता के आरोप सामने आए हैं। मामले में राज्य सरकार को शिकायत सौंपे जाने के बाद अब राज्य सरकार ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग को इस मामले में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि ‘दैनिक भास्कर’ ने 11वीं कक्षा की सेंट्रलाइज प्रवेश प्रक्रिया में हुई आर्थिक अनियमिततों का मुद्दा उठाया था, जिसमें सूचना के अधिकार में प्राप्त केंद्रीय प्रवेश समिति की पांच वर्षों की बैलेंस शीट में दर्शाए गए बेहिसाब खर्चों का मुद्दा प्रकाशित किया गया था। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता राजेश पौनीकर ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग प्रधान सचिव और राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग संचालक को लिखित में शिकायत की थी।

मामले में महाराष्ट्र सरकार के कक्ष अधिकारी गोविंद कांबले ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग संचालक को पत्र लिख कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। शासन ने विभाग को आदेश दिए हैं कि, वे पौनिकर की शिकायत पर विस्तृत जांच करें, जिसमें केंद्रीय प्रवेश समिति और ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के पूरे लेखा-जोखा की बारीकी से पड़ताल कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपें। 

खान-पान पर खर्च कर दिए 10 लाख रुपए
समिति ने करीब 35 लाख रुपए की रकम फिक्स डिपॉजिट करा रखी है। पौनिकर की शिकायत के अनुसार इस समिति ने करीब 10 लाख रुपए को केवल चंद कर्मचारियों के खाने पीने पर खर्च कर दिए, जो कि आक्षेपहार्य है। वहीं सरकारी नियमों के अनुसार कोई भी काम निजी कंपनी को देने के लिए टेंडर प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, लेकिन एक निजी कंपनी के द्वारा लगातार डाटा प्रोसेसिंग और अन्य तकनीकी काम का जिम्मा दिया गया। कंपनी ने खासी महंगी दरों पर 11वीं एडमिशन का तकनीकी काम-काज किया। इसी तरह बैंलेंस शीट में शिक्षा उपसंचालक कार्यालय ने कई तरह के अनाप-शनाप खर्च दिखाए हैं। इस पूरे लेन-देन का सरकारी ऑडिट नहीं कराया गया। न ही माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग संचालक को इसकी कोई जानकारी दी गई। ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हुए हैं। अब इस मामले की जांच की जा रही है। 

90 लाख का लेन-देन, पर सरकारी ऑडिट नहीं 
नागपुर शहर समेत प्रदेश के सभी बड़े शहरों में केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से 11वीं कक्षा के प्रवेश होते हैं। नागपुर शहर में करीब एक दशक पहले शिक्षा उपसंचालक कार्यालय ने केंद्रीय प्रवेश समिति गठित की थी। तब से यह समिति शहर भर के हाईस्कूलों और जूनियर कॉलेजों में वर्ष 2017 तक 11वीं कक्षा के प्रवेश नियंत्रित करती थी। 31 मार्च 2017 तक के समिति के आर्थिक लेन-देन की बैलेंस शीट पर नजर डालें, तो शैक्षणिक सत्र 2016-17 के प्रवेश पूर्ण कर लेने के बाद समिति का लेखा-जोखा 92 लाख 91 हजार 909 रुपए 50 पैसे का रहा। 

Created On :   2 March 2019 5:12 PM IST

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