कपास की फसल को बोंड इल्लियों से बचाने उपाय योजना करे सरकार - कुंभारे

Government plans to save cotton crop from bond worms - Kumbhare
कपास की फसल को बोंड इल्लियों से बचाने उपाय योजना करे सरकार - कुंभारे
कपास की फसल को बोंड इल्लियों से बचाने उपाय योजना करे सरकार - कुंभारे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में कपास की फसल पर बोंड इल्ली का प्रकोप बना हुआ है। फसल चौपट होने का खतरा मंडरा रहा है। फसल बचाने के लिए जिला परिषद से ठोस उपाय योजना करने की मांग नेता प्रतिपक्ष मनोहर कुंभारे ने की। विपक्ष व सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी उनकी मांग का समर्थन किया। जिप के सभी विभागों की अखर्चित निधि कपास की फसल बचाने के लिए खर्च करने की मांग की गई। आबासाहब खेडकर सभागृह में हुई आमसभा में विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्य इस मांग को लेकर आक्रामक हो गए।

श्री कुंभारे ने किसानों की व्यथा सदन में बयां करते हुए कहा कि, बोंड इल्ली के प्रकोप से कपास की फसल चौपट होने की कगार पर है। जिप द्वारा विविध योजनाओं पर अमल नहीं कर पाने से करोड़ों रुपए खर्च नहीं हो पाए हैं, यह अखर्चित निधि बोंड इल्ली की रोकथाम के लिए फेरोमैन पिंजरे लगाने तथा कीटनाशक अनुदान के तहत देने की मांग की। भाजपा सदस्य कमलाकर मेंघर, राकांपा गट नेता चंद्रशेखर चिखले, कांग्रेस के उपासराव भुते, शिवकुमार यादव, मनोज तितरमारे, सुरेंद्र शेंडे तथा अन्य सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया। जिप अध्यक्ष निशा सावरकर की अध्यक्षता में हुई आमसभा में उपाध्यक्ष शरद डोनेकर, सीईओ संजय यादव, अतिरिक्त सीईओ अंकुश केदार, सभापति उकेश चौहान, पुष्पा वाघाड़े, आशा गायकवाड़ उपस्थित थे।

सीएसआर फंड का सुझाव
बोंड इल्ली की रोकथाम के लिए अनुदान पर फेरोमैन पिंजरे खरीदी के लिए जिला परिषद के पास अपेक्षित निधि नहीं है। सदस्य शिवकुमार यादव ने सुझाव दिया कि, इस कमी को पूरा करने के लिए वेकोलि से सीएसआर फंड की मांग की जा सकती है।

कोई ठोस निर्णय नहीं
विपक्ष के सदस्यों ने बोंड इल्ली का प्रकोप रोकने के लिए कोई भी उपाययोजना नहीं किए जाने से जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी मिलिंद शेंडे तथा जिप कृषि विकास अधिकारी देशमुख को कटघरे में खड़ा किया। कृषि विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सत्तापक्ष के सदस्य भी जमकर बरसे। डेढ़ घंटा इस विषय पर चर्चा हुई, बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। प्रस्ताव तक पारित करने का सौजन्य नहीं दिखाए जाने से नेता प्रतिपक्ष मनोहर कुंभारे ने सत्तापक्ष के प्रति नाराजगी जताई।

किसानों को फूटी-कौड़ी तक नहीं मिलेगी
आरआर बीटी बीज पर देश में पाबंदी है। बावजूद जिले में 50 प्रतिशत आरआर बीटी बीज की बुआई की गई है। किसानों ने गुजरात, आंधप्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों से इस बीज की खरीदी की है। जिप सदस्य कमलाकर मेंघर ने सभा में इस बात का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि, कालेबाजार से यह बीज खरीदने के कारण किसानों के पास इसके बिल नहीं है। प्राकृतिक आपदा के दौरान फसल का नुकसान होने पर किसानों को फूटी कौड़ी की सहायता तक नहीं मिलेगी। इसके लिए कृषि विभाग पूरी तरह जिम्मेदार है।
 

Created On :   17 Aug 2018 12:56 PM IST

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