सरकारी राहत भी नसीब नहीं, मौत के बाद फंसा नियमों का पेंच

Government relief is also no luck, screws of rules stuck after death
सरकारी राहत भी नसीब नहीं, मौत के बाद फंसा नियमों का पेंच
सरकारी राहत भी नसीब नहीं, मौत के बाद फंसा नियमों का पेंच

आदिवासी ब्लॉक के 62 में से 23 शिक्षकों व अन्य कर्मियों की डेथ रिपोर्ट में कारण लिखा अन्य, अब पांच लाख की अनुग्रह राशि मिलना मुश्किल, अब परिवार वाले लगा रहे विभागों की दौड़
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा ।
पिछले दो महीने में कोविड के चलते जिले में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों की मौत हुई। इसमें सबसे बड़ी संख्या शिक्षकों की है।संक्रमण का सबसे बुरा दौर ग्रामीण अंचलों में देखा गया। सरकारी कर्मचारियों की मौत को लेकर जब हल्ला मचा तो जनजातीय कार्य विभाग ने अप्रैल से लेकर मई के बीच हुई मौतों का आंकड़ा एकत्र किया। जिले के हर्रई, तामिया, जुन्नारदेव और बिछुआ से बुलाए गए इन आंकड़ों में 62 शिक्षक  व अन्य कर्मियों के नाम सामने आए हैं। जिनकी इन दो महीनों में मौत हुई, लेकिन अब सबसे बड़ी दिक्कत इन शिक्षकों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को लेकर खड़ी हो गई है। दरअसल, इन कर्मचारियों के परिवारजन तो कोविड से ही शिक्षकों की मौत बता रहे हैं, लेकिन जो डेथ सर्टीफिकेट जारी किए गए हैं। उनमें ज्यादातर मौतों का कारण या तो कोविड सस्पेक्टेड है या फिर अन्य लिखा गया है। जिन मृतकों के डेथ सर्टीफिकेट में अन्य लिखा है उनकी संख्या 23 है।
ऐसे में शासन की गाइडलाइन के मुताबिक इन शिक्षकों को मिलने वाली अनुगृह राशि अटक गई है। मृतक परिवार के लोग अब दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन शासन से आए आदेश में स्पष्ट है कि जिन कर्मचारियोंं की डेथ रिपोर्ट में कोविड कारण अंकित होगा, उन्हें ही अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
पांच लाख मिलना है अनुग्रह राशि
शासन द्वारा अनुग्रह राशि के रूप में कर्मचारियों को 50 हजार की सहायता दी जाती थी, लेकिन कोविड के चलते हाल ही में प्रदेश सरकार ने घोषणा करते हुए पांच लाख रुपए की राशि देने का फैसला किया था, लेकिन तब ही दी जा सकती है जब डेथ रिपोर्ट में कोविड कारण लिखा होगा। अब तक 62 में से सात लोगों को ये राशि प्रदान की जा चुकी है।
असल परेशानी क्या...
> अप्रैल से लेकर मई तक जिले में कोविड संक्रमण का सबसे बुरा दौर था। इस दौरान गांव में संक्रमण फैलने के कारण ग्रामीण अपने स्तर पर ही इलाज करवा रहे थे। अधिकांश लोगों की कोविड रिपोर्ट के बगैर ही मौत हो गई। सर्टीफिकेट भी जारी नहीं हुए।
> कुछ मरीजों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। इनका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के तहत किया गया। मौत का कारण अन्य और सस्पेक्टेड दर्शाया गया। जबकि शासन के निर्देशों के तहत डेथ रिपोर्ट में जब तक कोविड नहीं आता है तब तक राशि नहीं दी जा सकती है।
इनका कहना है...
॥संयुक्त संचालक से आए आदेश में स्पष्ट है कि सिर्फ कोविड डेथ पर ही अनुग्रह राशि दी जाएगी। अन्य कारण या सस्पेक्टेड पर भी राशि नहीं देने का प्रावधान है।
-एनएस बरकड़े
सहायक आयुक्त, ट्राइबल
॥हम शासन से मांग करेंंगे कि सभी को अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी अपनी घोषणा में यही कहा था, लेकिन अधिकारियों ने इसमें फेरबदल कर दिया।
-नंदकिशोर शुक्ला
प्रांतीय उपाध्यक्ष, मप्र शिक्षक संघ
 

Created On :   28 May 2021 5:18 PM IST

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