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नाणार रिफायनरी प्रकल्प को विदर्भ में लाए सरकार : आशीष देशमुख
डिजिटल डेस्क,नागपुर । विधायक आशीष देशमुख ने कहा कि रत्नागिरी के नाणार रिफायनरी व पेट्रो-केमिकल प्रकल्प को विदर्भ में ले आए सरकार। बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नाणार में इस प्रकल्प का विरोध किया था। विधायक देशमुख ने कहा कि ठाकरे नेे यह भी कहा है कि प्रकल्प काे विदर्भ में ले जाने के संबंध में उनका विरोध नहीं है। देशमुख ने पहले भी प्रकल्प को विदर्भ में लाने की मांग की थी। एक तरह से उसका ठाकरे ने समर्थन किया है। लिहाजा अब सरकार को किसी तरह की अड़चन नहीं होना चाहिए। विदर्भ में यह प्रकल्प आने से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
काटोल में स्थानांतरित करना सबसे अनुकूल
प्रेस कांफ्रेंस में देशमुख ने बताया कि 8 मार्च 2018 को मैंने मुख्यमंत्री से रिफायनरी प्रकल्प को लेकर निवेदन किया था। नाणार में प्रकल्प को लेकर शिवसेना के विरोध को देखते हुए उसे काटोल में स्थानांतरित करना सबसे अनुकूल बताया था। देशमुख ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए काटोल तहसील में 15 एकड़ जमीन एमआईडीसी ने प्रस्तावित की है। जमीन के आस-पास पानी, बिजली व जंगल है। काटोल शहर रेलवे से भी जुड़ा हुआ है। नागपुर के पास है।
19 मार्च 2018 को मुंबई में विधानमंडल के अधिवेशन में भी यह मांग उठाई गई थी। तब उद्योगमंत्री सुभाष देसाई ने कहा था कि आवश्यक हो तो नाणार के प्रकल्प को विदर्भ में स्थानातंरित किया जाए। देखा जाए तो पानीपत, भटिंडा, दिल्ली, बीना, गुवाहाटी में इनलैंड रिफायनरी प्रकल्प है। नागपुर-मुंबई समृद्धि मार्ग तैयार किया जा रहा है। इसी मार्ग पर पेट्रोल वहन करनेवाली पाइपलाइन डालकर क्रूड आइल विदर्भ में लाया जा सकता है।
सीमेंट के लिए लगनेवाला पेटकोक, सिंथेटिक यार्न व डामर निर्माण के लिए लगनेवाला कच्चा माल इस प्रकल्प से उपलब्ध होता है। 90 हजार करोड़ के इस प्रकल्प से विदर्भ में 20 हजार से 22 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसलिए विदर्भ के लिए यह प्रकल्प फायदेमंद ही रहेगा।
Created On :   24 April 2018 8:33 AM GMT