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कब बनेगी सरकार, शपथविधि के इंतजार में कई विधायक हैं बेकरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम पर सबकी नजर हैं। ज्यादातर लोगाें का कहना है कि सरकार किसी की भी बनें पर जल्द बन जाना चाहिए। किसानों को राहत के अलावा अन्य मामलों के लिए सरकार का गठन आवश्यक है। दिलचस्प बात है कि सरकार गठन को लेकर कई विधायक यही राय रख रहे हैं कि अब और इंतजार नहीं किया जाना चाहिए। खासकर उन विधायकों की परेशानी बढ़ी हुई हैं जिन्होंने विधायक पद की शपथ भी नहीं ली है। निर्वाचन अधिकारी के प्रमाणपत्र के अलावा उनके पास कुछ नहीं है। विधानसभा की देहरी चढ़ने के लिए अत्यंत उत्साही विधायकों में विदर्भ में भी कमी नहीं है। नाम नहीं छापने की शर्त पर वे सीधे कहने लगते हैं कि जनता ने सरकार चुनने के लिए मतदान किया है। सरकार किसी की भी बनें पर जल्द बन जाना चाहिए।
राज्य में राष्ट्रपति शासन की अनिश्चिता व मुंबई दिल्ली में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर नए विधायकों के अलावा वे भी परेशान हैं जो कुछ अंतराल के बाद विधायक चुने गए हैं। विदर्भ में विधानसभा की 62 में से 29 सीटों पर भाजपा जीती है। पहले यहां भाजपा ने 42 सीटें जीती थी। कांग्रेस ने 15 व राकांपा ने 6 सीट जीती है। शिवसेना ने 4 सीटेें जीती है। 8 विधायक निर्दलीय जीते हैं। जिले में ही देखा जाए तो नए विधायकों की परेशानी को समझा जा सकता है। पश्चिम नागपुर से जीते कांग्रेस विधायक विकास ठाकरे लगातार चुनाव मैदान में हांसिए पर लग रहे थे। दो बार विधानसभा चुनाव में पराजित हुए। 2017 में मनपा चुनाव में भी नहीं जीत पाए। महापौर रहते हुए नेतृत्व क्षमता की छाप छोड़ चुके ठाकरे के समर्थकों को लगता है कि उनके नेता को राजनीतिक भविष्य संवारने का मौका मिला है।
उधर दक्षिण नागपुर में भाजपा विधायक मोहन मते को भी नया मौका मिला है। 2004 में विधायक रहे मते भाजपा की राजनीति में ही किनारे लग रहे थे। असंतोष के साथ उन्होंने निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था। सफल रही रहे। इस बार सुधाकर काेहले को विधायक रहते हुए उम्मीदवार नहीं बनाते हुए भाजपा ने मते को उम्मीदवार बनाया था। मते के लिए भाजपा में ही अपनी नई पोजीशन बनाने के चुनौती से जूझना है। उनके समर्थक कहते हैं कि काम करने का मौका मिले तो मते स्वयं को साबित करके रहेंगे। कांग्रेस विधायक राजू पारवे उमरेड, निर्दलीय किशाेर जोरगेवार चंद्रपुर, राजू कारामोरे राकांपा तुमसर, विनोद अग्रवाल निर्दलीय गोंदिया, सासाराम कोरोटे कांग्रेस आमगांव, देवेंद्र भुयार निर्दलीय मोर्शी, प्रतिभा धानोरकर कांग्रेस वरोरा, संजीव रेड्डी बोडकुरवार वणी, टेकचंद सावरकर भाजपा कामठी पहली बार चुने गए हैं। ऐसे भी विधायक चुने गए हैं जो कुछ अंतराल के बाद विधानसभा में पहुंच रहे है। काटोल से राकांपा विधायक अनिल देशमुख, उत्तर नागपुर में कांग्रेस के नितीन राऊत, रामटेक से निर्दलीय आशीष जैस्वाल, भंडारा से निर्दलीय नरेंद्र भोंडेकर व अहेरी से राकांपा के धर्मराव बाबा आत्राम न केवल विधायक के तौर पर नए सिरे से अपनी विशेष पहचान बनाना चाहते हैं बल्कि सत्ता में शामिल होने की संभावना भी पाले हुए हैं।
Created On :   20 Nov 2019 6:34 PM IST