नाणार पर सरकार हां या न कहे - नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील

Government should not say yes or no - Leader of Opposition Radhakrishna Vikhe Patil
नाणार पर सरकार हां या न कहे - नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील
नाणार पर सरकार हां या न कहे - नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाणार रिफायनरी परियोजना पर सरकार को अपनी भूमिका साफ करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा है कि सरकार सीधे हां या ना कहे। साफ हो जाने दे कि यह परियोजना लगायी जाएगी या नहीं। शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा हुआ। सत्ता में शामिल शिवसेना इस परियोजना को रद्द करने की मांग कर रही है। कांग्रेस व राकांपा चर्चा की मांग कर रही है। वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि परियोजना किसी पर थोपी नहीं जाएगी,लेकिन परियोजना लगने से राज्य की आर्थिक स्थिति बदल जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष पाटील ने विधानसभा में कहा कि नाणार परियोजना के बारे में मुख्यमंत्री ने जिस तरह से जवाब दिया है उससे विधानसभा में गतिरोध का हल नहीं निकलेगा। सरकार को साफ जवाब देना होगा। 

सभागृह से बाहर पत्रकारों से चर्चा में नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कोंकण की जनता को गुमराह कर रहे हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री कहते हैं कि परियोजना को लादा नहीं जाएगा दूसरी तरफ केंद्र सरकार विदेेशी कंपनियों से मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर करा रही है। 

शिवसेना सरकार में, शिवसेना ही विरोध में,आखिर चल क्या रहा हैं
विधानसभा में शिवसेना की भूमिका पर राकांपा सदस्य जयंत पाटील ने जमकर एेतराज जताया। उन्होंने कहा- शिवसेना सरकार में है, शिवसेना ही सरकार का विरोध कर रही है। आखिर सभागृह में चल क्या रहा है। पाटील का प्रश्न अनुत्तरित ही रहा। 

दरअसल नाणार परियोजना के विरोध में शुक्रवार को सभागृह में शिवसेना सदस्य नारेबाजी कर रहे थे। सभागृह के वेल में नारेबाजी के साथ ही कागज फाड़कर सरकार का विरोध कर रहे थे। नाणार परियाेजना को रद्द करने की मांग कर रहे थे। उस दौरान सभागृह के कामकाज भी चलाया जा रहा था। शिवसेना कोटे के मंत्री संजय राठौर व दादा घुसे ने अलग-अलग सरकारी विधेयक सभागृह पटल पर रखा। शिवसेना कोटे के मंत्री प्रस्ताविक विधेयक पर बोल रहे थे। उस दौरान शिवसेना सदस्य सरकार के विरोध में आक्रामक थे। 

राकांपा सदस्य पाटील ने इसी मामले पर प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि सभागृह में कभी ऐसी स्थिति नहीं आयी कि सरकार की आेर से कोई विधेयक सभागृह पटल पर रखा जाए। उसे मंजूर करने की प्रक्रिया चल रही हो और सरकार में शामिल दल के सदस्य ही सरकार के विरोध में वेल में प्रदर्शन कर रहे हो।  

Created On :   13 July 2018 3:48 PM IST

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