जेल में बंदियों की हुई मौत के मामलों की स्टेटस रिपोर्ट पेश करे सरकार

Government should present status report of cases of death of prisoners in jail
जेल में बंदियों की हुई मौत के मामलों की स्टेटस रिपोर्ट पेश करे सरकार
जेल में बंदियों की हुई मौत के मामलों की स्टेटस रिपोर्ट पेश करे सरकार

वर्ष 2012 से 2015 के बीच हुई मौतों के मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 8 अप्रैल को
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। प्रदेश की जेलों में बंदियों की आसमयिक मौतें होने के मामले पर हाईकोर्ट ने ताजी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को निर्धारित की है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर 2017 को बंदियों की जेलों में हुई मौतों को चुनौती देने वाले एक मामले पर फैसला सुनाया था। सुको के
जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बैंच ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को कहा था कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच जेलों में बंदियों की हुई मौतों के मामले पर संज्ञान लेकर सुनवाई करे। यदि पीडि़त परिवारों को कम मुआवजा मिला है तो उन्हें उपयुक्त मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही सुको ने यह निर्देश भी दिए थे कि िकसी भी प्रकार की समस्या आने पर देश के सभी हाईकोर्ट उचित आदेश पारित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए मामले पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज की। साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, जेल विभाग के प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और डीजीपी जेल को मामले में पक्षकार बनाया।
 इस मामले पर हाईकोर्ट ने 22 सितंबर 2017 को सरकार से वर्ष 2012 से वर्ष 2015 के बीच हुईं बंिदयों की मौतों का आंकड़ा पेश करने कहा था। मामले पर बुधवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान अदालत मित्र के रूप में अधिवक्ता अतुल चौधरी और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी हाजिर हुए। सुनवाई के बाद श्री तिवारी ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने समय मांगा, जो प्रदान करते हुए युगलपीठ ने सुनवाई मुलतवी कर दी।
 

Created On :   5 March 2020 8:42 AM GMT

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