पानसरे हत्या मामले की जांच एटीएस को सौंपने के बारे में फैसला ले राज्य सरकार

Government should take a decision on handing over the investigation of Pansare murder case to ATS
पानसरे हत्या मामले की जांच एटीएस को सौंपने के बारे में फैसला ले राज्य सरकार
हाईकोर्ट   पानसरे हत्या मामले की जांच एटीएस को सौंपने के बारे में फैसला ले राज्य सरकार

-    वर्ष 2015 में हुई थी सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या
-    फिलहाल एसआईटी कर रही जांच  

 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि राज्य सरकार सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या से जुड़ी जांच को आतंकवाद निरोध दस्ते (एटीएस) को सौपने के बारे में निर्णय ले। हम इसके लिए अंतहीन समय तक इंतजार नहीं कर सकते हैं। वर्तमान में महाराष्ट्र स्टेट क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) का विशेष जांच दल (एसआईटी)  इस मामले की जांच कर रहा है। किंतु पानसरे की बहू  मेघा की ओर से दायर याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की जांच को एसआईटी से एटीएस को स्थनांतरित कर दिया जाए। पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। गुरुवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के सामने विशेष सरकारी वकील अशोक मुंदरगी ने कहा कि उन्हें मामले को लेकर ताजा रिपोर्ट देने के लिए समय दिया जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम एक सप्ताह का समय दे रहे है किंतु हम अंतहीन समय तक इंतजार नहीं कर सकते। हम चाहते हैं कि सरकार पानसरे के परिजन की ओर से की गई मांग पर निर्णय ले। खंडपीठ ने सरकारी वकील से कहा कि वर्तमान में हम बात को समझ सकते हैं लेकिन यह अंतहीन समय तक नहीं चल सकता है। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभय नेवगी ने कहा कि जब अदालत निर्देश देती है तभी सरकार हरकत में आती है। सात साल बीत जाने के बावजूद इस मामले में कुछ भी आगे नहीं बढा है। इस पर श्री मुंदरगी ने कहा कि यह सही नहीं लेकिन उन्हें थोड़ा समय दिया जाए। 

दाभोलकर मामले के आरोपी की जमानत पर सुनवाई टली 

इस बीच खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर मामले में गिरफ्तार आरोपी  वीरेंद्र तावड़े के जमानत आवेदन पर सुनवाई को भी चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया। तावडे को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। खंडपीठ ने कहा कि हम आरोपी को जमानत देने की बजाय मुकदमे की सुनवाई शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश देने के पक्ष में हैं। सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि दाभोलकर मामले से जुड़े 32 गवाहों में से आठ गवाहों की गवाही हो चुकी है। खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान सीबीआई को बताने को कहा है कि उसे मामले से जुड़े शेष गवाहों की गवाही को पूरा करने में कितना समय लगेगा। दाभोलकर की साल 2013 में पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

 

Created On :   21 July 2022 3:42 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story