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मंत्रियों के बंगले से इनकम बढ़ाएगी सरकार, BOT पर देने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार अब राज्य मंत्रियों के लिए आरक्षित नाग भवन को बीओटी (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) आधार पर चलाने व इससे इंकम बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागृह को शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। पालकमंत्री ने कहा कि पीडब्ल्यूडी की सभी जगहों का उपयोग और खुले जगहों का विकास कर उत्पन्न (आय) बढ़ाने की दृष्टि से प्रस्ताव तैयार करें। नाग भवन, देशपांडे सभागृह को बीओटी तत्व पर और अन्य जगहों का उपयोग कैसे बढ़ाया जाए, इस दृष्टि से अभ्यास कर नवीनतम योजना कैसे तैयार कर सकते हैं, इस दृष्टि से प्रस्ताव बनाएं। रविनगर स्थित कर्मचारी वसाहत (कॉलोनी) की जगह पर भी सभी सुविधा युक्त इमारत कैसे बना सकते हैं, इस संबंध में भी विकास प्रारूप एक महीने में पेश करने के निर्देश पालकमंत्री ने दिए।
साल भर खाली पड़ा रहता है नागभवन: गौरतलब है कि नाग भवन का उपयोग सिर्फ नागपुर अधिवेशन के दौरान ही होता है। साल भर यह खाली पड़ा रहता है। ऐसे में यह सफेद हाथी साबित हो रहा है। काफी समय से इस पर विचार भी शुरू था, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इसे तोड़कर बनाया जाएगा या फिर उसका नवीनीकरण कर इसे बीओटी पर दिया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी के कार्यों की समीक्षा की : पालकमंत्री ने कहा कि यह संपूर्ण निधि खर्च होगी। इस दृष्टि से एनआईटी अथवा मनपा को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव पर भी विभाग को प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक प्रकल्प अंतर्गत शहर के रिंग रोड के लगभग 41.5 किमी सीमेंट रास्ते के निर्माणकार्य तय समय सीमा में पूरे हों, इस दृष्टि से निधि की मांग करें। जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र अंतर्गत सरपंच भवन सहित अन्य खुली जगहों पर भी निर्माणकार्य संबंधी प्रस्ताव तैयार किए जाएं। बुधवार को सार्वजनिक निर्माणकार्य भवन स्थित सभागृह में पीडब्ल्यूडी द्वारा किए जा रहे विविध विकास कामों की पालकमंत्री ने समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य अभियंता उल्हास देबडवार, अधीक्षक अभियंता पी. डी. नवघरे, कार्यकारी अभियंता एस. डी. इंदुरकर, जे. एच. भानुसे, एन. वी. बोरकर, श्री आंभोरे, श्री कोहाडे आदि उपस्थित थे।
निधि वापस नहीं जाएगी
पालकमंत्री ने कहा कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के रास्ते का निर्माण कार्य व मरम्मत के लिए प्राप्त निधि 31 मार्च से पहले खर्च करें। इस दृष्टि से नियोजन कर जिले को प्राप्त निधि वापस नहीं जाएगी, इसे लेकर सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय, आयुर्वेदिक, महाविद्यालय, मेयो और सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग अंतर्गत विविध इमारतों के लिए प्राप्त निधि भी मार्च के पहले खर्च करें। शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय परिसर में निवासी वैद्यकीय विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, इंदिरा गांधी वैद्यकीय महाविद्यालय में प्रशासकीय इमारत सहित अन्य निर्माणकार्य और आयुर्वेदिक महाविद्यालय, दंत महाविद्यालय के निर्माणकार्य के लिए सरकार ने आवश्यक प्रावधान उपलब्ध कराए हैं, लेकिन निर्माणकार्य बाबत नक्शे और अन्य प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं होने से यह निधि वापस नहीं जाएगी, इसका ध्यान रखें।
Created On :   28 Dec 2017 2:17 PM IST