हिंदी विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान:त्रिपाठी

Governor said Hindi University built international recognition
हिंदी विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान:त्रिपाठी
हिंदी विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान:त्रिपाठी

डिजिटल डेस्क,वर्धा । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का विकास महात्मा गांधी एवं विनोबा भावे की कर्मस्थली वर्धा में धीरे-धीरे परंतु दृढ़ता के साथ हो रहा है। यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। वर्धा की भूमि स्वतंत्रता संग्राम की है और यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, वि. दा. सावरकर, लोकमान्य तिलक और हेगड़ेवार के  विचारों का सिंचन हुआ है।  वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के 20 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोंधित कर रहे थे।   विश्व विद्यालय का स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत बड़े उत्साह और उल्लास के साथ सोमवार 8 जनवरी को विश्वविद्यालय के अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ भवन के प्रांगण में भारतेंदु सभा मंडप में हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल  त्रिपाठी थे। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरिश्वर मिश्र ने की। समारोह में वर्धा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद रामदास तड़स विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. के. जी. सुरेश मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।
विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों का सम्मान: समारोह में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. आनंद वर्धन शर्मा, कुलसचिव कादर नवाज खान प्रो. मनोज कुमार, प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल, प्रो. देवराज, प्रो. एल. कारूण्यकरा मंचासीन थे। समारोह में देश एवं विदेशों के विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों को विश्वविद्यालय की ओर से "हिंदी सेवी सम्मान" से सम्मानित किया गया। इस वर्ष विश्वविद्यालय की ओर से  मध्य प्रदेश की मालती जोशी, ओडिशा से डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्र, लंदन के तेजेंद्र शर्मा,  दिल्ली के डॉ. रणजीत साहा,  डॉ. तात्यारना ओरांसकाइया, जर्मनी, प्रो. मिलेना ब्राटोइएवा, बुल्गारिया, डॉ. पी. के. सुब्रमण्यरन, तमिलनाडु, सुरेश शर्मा, महाराष्ट्र को "हिंदी सेवी सम्मान" दिया गया। उन्हें माननीय राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी की ओर से मानपत्र, सूत की माला प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह में विभिन्न विद्यापीठों के संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी, गणमान्य  अतिथि तथा विद्यार्थी प्रमुखता से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन साहित्य विद्यापीठ की संकायाध्यक्ष डॉ. प्रीति सागर ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव क़ादर नवाज़ ख़ान ने किया।  मुख्य  समारोह प्रारंभ होने से पूर्व राज्यपाल महोदय ने गांधी हिल्स पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अभिवादन किया।
वर्धा के सांसद श्री रामदास तड़स ने  हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। कुलपति प्रो. गिरिश्वर मिश्र ने शुभकामनाएं दी कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कुलगीत प्रस्तुत किया। स्वागत वक्तव्य प्रतिकुलपति प्रो. आनंद वर्धन शर्मा ने दिया।    
अलकनंदा और मंदाकिनी के संगम से हिंदी की अविरल गंगा बहेगी : प्रो. के. जी. सुरेश
भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. के. जी. सुरेश ने शिक्षा का वैश्विक परिदृश्य और भारतीय शिक्षा प्रणाली विषय पर वक्तव्य दिया। उन्हों ने कहा कि हिंदी सिनेमा देश-विदेश में लोकप्रिय है वैसे ही हिंदी भाषा भी लोकप्रिय होनी चाहिए। भाषा की उपयोगिता, व्यवसाय, व्यापार और कार्यालय के कामकाज में बढ़ेगी तभी हिंदी को वैश्विक पहचान मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंचार संस्थान का अमरावती केंद्र और वर्धा विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयासों से आने वाले दिनों में अलकनंदा और मंदाकिनी के संगम से हिंदी अविरल गंगा बहेगी। उन्होंंने वर्तमान शिक्षा नीति और शिक्षा का व्यावसायिकरण सरकारों के प्रयास अभिभावकों की जिम्मेेदारी, शिक्षा में शोध की गुणवत्ता,अल्पसंख्यक संस्थाओं को कानून के दायरों के बाहर रखा जाना, शिक्षा पद्धति में पदोन्नति  के नियम आदि की चर्चा करते हुए गुणवत्ता की चुनौतियों पर अपने विचार रखे। 
 
 

Created On :   9 Jan 2018 5:22 PM IST

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