सर्वर ने फीकी की दिवाली, 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को नहीं मिल सका अनाज

Govt grains could not reach 80 percent of the needy households
सर्वर ने फीकी की दिवाली, 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को नहीं मिल सका अनाज
सर्वर ने फीकी की दिवाली, 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को नहीं मिल सका अनाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सर्वर ने गरीब जरूरतमंद लोगों की दिवाली फीकी कर दी। दीपावली पर जरूरतमंदों को राशन देने का सरकारी दावा गलत निकला। राशन दुकानों में अनाज के लिए 5 नवंबर से जरूरतमंदों की लाइनें लगी रहीं, लेकिन सर्वर ने फिर एक बार धोखा दिया आैर पॉस मशीन से अनाज का वितरण मंगलवार, 6 नवंबर को सुबह 11.31 से शुरू हुआ। कामधंधा छोड़कर राशन दुकान पहुंचे कई लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।  80 फीसदी से ज्यादा जरूरतमंदों के घर तक सरकारी अनाज नहीं पहुंच सका।

पहले ही किया था आगाह
राशन दुकानदार संघ ने दीपावली को देखते हुए दो महीने (अक्टूबर व नवंबर) का अनाज एक साथ देने की अनुमति देने की गुजारिश राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट से मिलकर की थी। दुकानदारों ने मंत्री को बताया था कि, सर्वर 5 तारीख को शुरू होता है आैर 7 नवंबर की दीपावली है, ऐसे में कई लोगों को समय पर अनाज मिलने में परेशानी हो सकती है। मंत्री श्री बापट ने 5 नवंबर के पहले सर्वर शुरू करने की व्यवस्था करने का दावा किया था। प्रशासन ने कोशिश करके राशन दुकानदारों को  3 नवंबर तक गेहूं, चावल, चना, तुवर, उड़द दाल, शक्कर व नमक का बंपर स्टाक उपलब्ध कराया। 4 व 5 नवंबर को जो लोग राशन दुकान पहुंचे, वे सर्वर शुरू नहीं होने से बैरंग लौटे। 6 नवंबर को सुबह से ही राशन दुकानों में लोगों की लंबी कतार लगी। सुबह 11.31 बजे सर्वर शुरू हुआ। तब तक आधे से ज्यादा लोग बैरंग लौट चुके थे। कई जगह कार्ड धारक व राशन दुकानदारों के बीच अनाज के मुद्दे पर विवाद हुआ। शासन की कार्यप्रणाली के प्रति राशन कार्ड धारकों व दुकानदारों में रोष देखने को मिला।

19.11 प्रतिशत लोगों को ही मिला अनाज
नागपुर शहर में 2 लाख 99 हजार लोगों को राशन मिलता है। मंगलवार शाम तक 19.11 फीसदी लोगों को ही अनाज मिल सका था। यानी 57 हजार 241 लोग ही अनाज ले पाए थे। इसी तरह महाराष्ट्र में कुल 1 करोड़ 54 लाख लोगों को राशन मिलता है। मंगलवार शाम तक 18.11 फीसदी यानी 7 लाख 68 हजार लोगों को अनाज का वितरण हो सका था। दर्जनों दुकानों में राशन दुकानदार व कार्ड धारकों के बीच विवाद हुआ। राशन दुकानदार सुबह से खाद्यान्न ‌विभाग के अधिकारियों व पास मशीन का मेंटेनंेस देखने वाली तकनीकी टीम को समस्या बताते रहे। हर जगह से यहीं जवाब मिला कि, सर्वर डाउन है आैर यह उनके हाथ में नहीं है। सर्वर नेशनल इम्फारमेशन सेंटर (एनआईसी) के अंडर में आता है। इसका कार्यालय आंध्रप्रदेश में है आैर सर्वर की समस्या वहीं से दूर हो सकती है।

राशन दुकानदार को पीटने से रोष
नागपुर समेत पूरे राज्य में सर्वर शुरू नहीं था। इस कारण अनाज नहीं मिला। रोष के चलते लोगों ने सिंदेवाही में एक राशन दुकानदार की बुरी तरह पिटाई कर दी। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह खबर नागपुर पहुंचने पर राशन दुकानदारों में सरकार के प्रति रोष फैल गया। दुकानदारों का कहना है कि, इसमें दुकानदार का कोई दोष नहीं होने के बाद भी लोग दुकानदार पर ही गुस्सा उतारते हैं। राशन दुकानदार संघ के सुभाष मुसले का कहना है कि, मंत्री ने 5 नवंबर के पहले पॉस मशीन शुरू करने का वादा किया था। सर्वर शुरू नहीं होने से मशीनें काम नहीं कर रही थीं। लोगों ने इसके लिए दुकानदारों को दोषी माना। सर्वर बंद होने की सूचना अधिकारियों को दी, लेकिन उन्होंने भी सर्वर का काम एनआईसी देखने का जवाब दिया।

सर्वर का काम एनआईसी देखती है
सर्वर की समस्या थी। सर्वर का काम एनआईसी देखती है, जिसका कार्यालय आंध्रप्रदेश में है। सर्वर बंद होने से पॉस मशीनें नहीं चलने की शिकायतें मिली, लेकिन सर्वर बंद होने से हम कुछ नहीं कर सकते। हम तकनीकी समस्या हल करते हैं। सर्वर शुरू करना या बंद करना हमारे हाथ में नहीं है। हमें मशीन की खराबी दूर करने की जिम्मेदारी मिली है। 
-अमित नागदेवे, पॉस मशीन देखने वाले तकनीकी टीम के सदस्य 
 

Created On :   8 Nov 2018 2:29 PM IST

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