किसानों को दिन में चार घंटे बिजली देने का प्रयासः राऊत

Govt will provide electricity to farmers for four hours a day: Raut
किसानों को दिन में चार घंटे बिजली देने का प्रयासः राऊत
किसानों को दिन में चार घंटे बिजली देने का प्रयासः राऊत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में ग्राहकों को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य के किसानों को सिंचाई के लिए दिन में चार घंटे बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है। इसके अलावा उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के बारे में फैसला लिया जाएगा। विधान परिषद में राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने यह जानकारी दी। राऊत ने कहा कि 100 यूनिट तक मुफ्त में बिजली देने, किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने और उद्योगों को रियायती दर पर बिजली देने के लिए ऊर्जा विभाग के अफसरों की गठित की गई समिति की रिपोर्ट तीन महीने में आएगी। इसके बाद सरकार अंतिम फैसला करेगी। मंगलवार को सदन में राकांपा सदस्य प्रकाश गजभिए ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए ग्राहकों को 200 यूनिट तक बिजली उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में राऊत ने कहा कि राज्य में कई सालों से बड़े उद्योग बंद हो गए हैं। रोजगार की दृष्टि से उद्योगों का आना जरूरी है। इसलिए सरकार उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के बारे में फैसला करेगी। राऊत ने कहा कि सौर ऊर्जा को लेकर सरकार जल्द ही एक नई नीति घोषित करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली उत्पादन और वितरण खर्च को कम कर सस्ती बिजली उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी। 

किसानों पर 37996 करोड़ रुपए बकाया

राऊत ने कहा कि राज्य में सबसे अधिक बिजली किसानों को सिंचाई के लिए लगती है। किसानों के कृषि पंपों का दिसंबर 2019 तक 37 हजार 996 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। इसलिए मेरी विधायकों से अपील है कि वह बकाया बिल भुगतान कराने में सरकार की मदद करें। राऊत ने कहा कि एनर्जी ड्यूटी से मिलने वाले 6500 करोड़ और बजट का 5500 करोड़ रुपए को मिलाकर किसानों को सस्ती बिजली दी जाती है। 

विदर्भ, मराठवाड़ा के उद्योगों को सहूलियत 

राऊत ने बताया कि विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र और डी व डी प्लस क्षेत्र के उद्योगों को बिजली दर में सहूलियत देने के लिए बजट में 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। राऊत ने बताया कि विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र और डी व डी प्लस क्षेत्र के लिए साल 2016-17 से 2019 तक 4594 करोड़ रुपए की सहूलियत दी गई है। इसके तहत अब हर साल 1200 करोड़ रुपए की रियायत देने की योजना की अवधि खत्म हो गई है। 
 

Created On :   3 March 2020 2:12 PM GMT

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