कोकण रिफायनरी का विरोध कर रही हैं ग्राम पंचायतें, उद्योगमंत्री ने विधानसभा को दी जानकारी

Gram Panchayat opposes Konkan refinery, Desai informed to assembly
कोकण रिफायनरी का विरोध कर रही हैं ग्राम पंचायतें, उद्योगमंत्री ने विधानसभा को दी जानकारी
कोकण रिफायनरी का विरोध कर रही हैं ग्राम पंचायतें, उद्योगमंत्री ने विधानसभा को दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोकण के नाणार में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना मुश्किल में फंसती दिखाई दे रही है। उद्योगमंत्री सुभाष देसाई ने सोमवार को विधानसभा में निवेदन के जरिए बताया कि परियोजना प्रभावित सभी गांवों की पंचायतों ने रिफाइनरी के विरोध में प्रस्ताव पास किया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस बाबत अपने फैसले की जानकारी देनी चाहिए। देसाई ने कहा कि भूसंपादन कानून 2013 के मुताबिक जमीन मालिक की सहमति के बाद ही भूसंपादन का काम हो सकता है। सभी ग्राम पंचायतें नाणार परियोजना का विरोध कर रहीं हैं ऐसे में भूसंपादन की प्रक्रिया पूरी होनी मुश्किल है।

विधानसभा को दी जानकारी
नियम 47 के तहत विधानसभा में अपनी बात रखते हुए देसाई ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, भारत पेट्रोकेमिकल, इंडियन आयल और हिंदुस्तान पेट्रोकेमिकल एक साथ मिलकर राज्य में वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना के लिए जगह तय करने के लिए रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के विभिन्न इलाकों का दौरा किया। तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों की मंजूरी से रत्नागिरी जिले के राजापुर में टाउनशिप और सिंधुदुर्ग जिले के देवगढ का चुनाव डिसैलिनेशन परियोजना के लिए किया गया। मेगा रिफाइनरी के लिए राजापुर औद्योगिक क्षेत्र के 14 गांवों में स्थित 5 हजार 461 हेक्टेयर जमीन का चुनाव किया गया है।

इसके लिए 42 हजार 516 खातेदारों को नोटिस दी गई। इसके बाद 14 गांवों की नौ ग्रामपंचायतों ने रिफाइनरी के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया जिससे भूसंपादन संभव नहीं रहा। देसाई ने बताया कि 15 फरवरी 2018 को परियोजना प्रभावितों और संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंचों का शिष्टमंडल शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की अगुआई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिला। इस दौरान परियोजना प्रभावितों का असहमित पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि लोगों से बातचीत के बाद फैसला किया जाएगा। विरोध जारी रहने पर परियोजना जबरन नहीं थोपी जाएगी। इसी के चलते मैग्नेटिक महाराष्ट्र कार्यक्रम में एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं हो सका।

विधानसभा में होगी चर्चा
राकांपा के भास्कर जाधव, जितेंद्र आव्हाड, कांग्रेस के नितेश  राणे ने उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के निवेदन का विरोध किया। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी आपत्तियां अस्वीकार कर दीं। वहीं राकांपा नेता अजित पवार ने इस पर आधे घंटे चर्चा की मांग की। इस पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने का आश्वासन दिया। बता दें कि तीन प्रमुख तेल कंपनियों ने 15 हजार एकड़ जमीन पर देश की सबसे बड़ी वेस्ट कोस्ट ग्रीन रिफाइनरी लगाने की परियोजना तैयार की थी लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते यह खटाई में पड़ती नजर आ रही है। गौरतलब है कि शिवसेना इस परियोजना का विरोध कर रही है। 
 

Created On :   5 March 2018 3:54 PM GMT

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