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ग्राउंड और प्लाट भी अपने अंडर में ले सकता है मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सार्वजनिक भू-खंड और मैदान अधिगृहीत करने की अनुमति दे दी है। जनता के हित के मद्देनजर हाईकोर्ट ने अपने ही पुराने आदेश को पीछे लिया है, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक भू-खंड और मैदानों के अधिग्रहण पर रोक लगाई थी।
ये है मामला
दरअसल मेट्रो की ओर से हाईकोर्ट में अर्जी दायर की गई थी। इसमें नागपुर के उज्ज्वल नगर और प्रजापति नगर के कुछ भूखंड अधिगृहीत करने की अनुमति मांगी थी। नागपुर सुधार प्रन्यास के अधिकार क्षेत्र वाले इन दोनों भू-खंडों को उन्होंने पहले ही मेट्रो को हस्तांतरित कर दिया था। मगर हाईकोर्ट की रोक के कारण उनका अधिग्रहण करना संभव नहीं हो पा रहा था। मामले में सभी पक्षों को सुनकर कोर्ट ने मेट्रो की अर्जी मंजूर कर ली है। मामले में मेट्रो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस.के.मिश्रा और एड.कौस्तुभ देवगड़े ने पक्ष रखा।
भू-खंडों की सुरक्षा का उठा मुद्दा
शहर विविध मैदानों की बदहाली का मामला स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने स्वयं इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी। मामले में न्यायालयीन मित्र एड.प्रफुल्ल खुबालकर ने कोर्ट में तत्कालीन अतिक्रमणग्रस्त 61 मैदानों की सूची जारी की थी। निर्धारित विकास प्रारूप के अनुसार 163 स्थल मैदान के रूप में आरक्षित हैं। इसमें 40 मैदान मनपा और 61 मैदान नासुप्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर कोर्ट ने सार्वजनिक भूखंडों और मैदानों के अधिग्रहण पर अंतरिम रोक लगा रखी थी। मध्यस्थी अर्जदार की ओर से एड.आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।
अन्य जगहों पर भी हुआ विरोध
उल्लेखनीय है शहर में जारी मेट्रो कार्य के दौरान कई मार्केट चौराहों को भी हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है। जहां-जहां से दुकानें आदि हटाई गईं वहां इसका भारी विरोध भी हुआ है । लेकिन प्रशासन ने जनता को विश्वास में लेकर कार्य को आगे बढ़ाया है। शीघ्र ही इसे साकार करने में सफलता मिलेगी।
Created On :   28 March 2018 1:23 PM IST