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शहनाई की धुन के बीच हुई गुड्डे और गुड़िया की शादी, जमकर थिरके बाराती
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुड्डे की आई है बारात.. आदि गीतों पर बाराती जमकर थिरके। जैसे ही बारात दरवाजे पर पहंुची बारातियों का जोर-शोर से स्वागत किया गया। मंंत्रोचार के बीच सात फेरे हुए। गुड़िया की रुखवंत भी सजाई गई। गुड्डे-गुड़िया के विवाह ने एक बार फिर बचपन की यादों को ताजा कर दिया। भले ही यह गुड्डा-गुड़िया का विवाह था, लेकिन रस्म और रीति-रिवाज बिल्कुल सचमुच के विवाह की तरह थे। पुणे निवासी आर्णा दातार की गुड़िया सौ. कां. निशिता का विवाह नागपुर निवासी तनिष्का सोमण के गुड्डे उमेश के साथ शनिवार को "यशश्री" उत्तर अंबाझरी मार्ग में किया गया। विवाह के उपरांत स्नेह भोजन का भी इंतजाम किया गया था। पारंपरिक परिधान में नजर आए मेहमान : विवाह में महिलाओं ने नव्वारी साड़ी, नाक में नथ और सोलह-श्रृंगार किया। वहीं, पुरुष भी कुर्ता-पैजामा और पारंपरिक परिधान में नजर आए। कुर्सी पर गुड्डा-गुड़िया को बिठाया गया। अंतरपाठ, मंगलाष्टक और मंत्रोचार के साथ विवाह विधि संपन्न हुई।
बचपन की यादें हुईं ताजा
ओजस्विनी जामदार ने बताया कि आर्णा मेरी बहन की बेटी है। वो शहर आई है। हमेशा ही बातों में वो गुड़िया के विवाह की बातें करती थीं। हमने अपने बचपन में भी गुड्डे-गुड़िया का विवाह देखा है। लेकिन समय के साथ ये सारी परंपराएं विलुप्त होती जा रही हैं। मैंने सोचा कि आर्णा की सोच अपने पहचान वाले से साझा की, तो उन्होंने कहा कि बच्चों की सोच को मूर्त रूप दिया जा सकता है। इससे उन्हें परंपरा और रीति-रिवाज की भी जानकारी मिलेगी। गुड्डे-गुड़िया की शादी एकदम असली शादी की तरह की गई। इसमें अंतरपाठ और पंडित जी आदि सभी थे। हमारी भी बचपन की यादें ताजा हो गईं। एकादशी के बाद से विवाह भी शुरू हो जाते हैं, इसलिए गुड्डे-गुड़िया का विवाह रचाया गया।
जमकर नाचे लोग
बाजे-गाजे के बीच बारात में युवा-बुजुर्गों ने डांस किया। बारात पहुंची तो आरती की थाल लिए महिलाओं ने द्वार-चार गीतों के साथ बारातियों का स्वागत किया। पंडित ने मंत्रोचार के बीच सात फेरे लगवाए। आशीर्वाद समारोह हुआ। विदाई की बेला आई। युवा गायकों ने विदाई गीत गाना शुरू किया। विदाई के समय सभी की आंखें नम हो गईं।
Created On :   14 Nov 2021 4:05 PM IST