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प्रदेश भर से आए अतिथि विद्वान, सिमरिया मंदिर से निकाली रैली, लिंगा के पहले रोका

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश अस्थायी प्राध्यापक संघ के बैनर तले प्रदेश के अलग-अलग जिले से आए अतिथि विद्वानों ने सिमरिया हनुमान मंदिर से जीवन रक्षा यात्रा निकाली। सोमवार शाम को यह यात्रा सिमरिया हनुमान मंदिर से निकलकर छिंदवाड़ा की ओर आ रही थी जहां लिंगा के पहले इन्हें रोक दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने संघ के पास अनुमति नहीं होने के कारण इन्हें रोकने का कारण बताया। जबकि मोर्चा के संयोजक डॉ. देवराज सिंह एवं डॉ.सुरजीत भदौरिया ने कहा है की हमने विधिसम्मत तरीके से जिला प्रशासन से शांतिपूर्वक यात्रा कि अनुमाति हेतु आवेदन लगाया जिसकी प्रत्याशा पर हमने यात्रा की शुरुआत की थी। किन्तु छिंदवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा हमें शहर से लगभग 13 किमी पूर्व ही रोक दिया है। जबकि सहायक प्राध्यापकों का कहना था कि रात होने के कारण लिंगा के पास उन्होंने एक लॉन लिया है जहां उनके रुकने और भोजन की व्यवस्था की है पर उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है। इस पूरे मामले में अतिथि विद्वानों को दो बार रोका गया जबकि प्रशासनिक अधिकारी और अतिथि विद्वानों के बीच बहस चलती रही है जिसके कारण तकरीबन एक घंटे तक मामला उलझा रहा। इस बीच अतिथि विद्वानों के प्रतिनिधि मंडल को पुलिस के साथ एसपी ऑफिस ले जाया गया जहां लंबे समय तक चली बैठक के बाद इन्हें वापस लौटाया गया।
इसलिए निकाली थी रैली
मध्यप्रदेश अस्थायी प्राध्यापक संघ ने अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना रैली निकाली। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में नियमतीकरण का उल्लेख किया है लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। अतिथि विद्वानों को नियमतीकरण तो नहीं बल्कि कॉलेज से बाहर किया जा रहा है। भोपाल में उच्च शिक्षा मंत्री ने एक सप्ताह के भीतर नियमतीकरण की नीति बनाने के लिए कहा था। ऐसा नहीं होने पर अतिथि विद्वानों ने छिंदवाड़ा में आकर वादा खिलाफी के विरोध में यह रैली निकाली थी। खबर तो यह भी है कि वादाखिलाफी से आक्रोशित हजारों अतिथि विद्वान छिंदवाड़ा की ओर कूच कर रहे है। जहां पर बड़े जंगी प्रदर्शन भूख हड़ताल व अनिश्चितकालीन धरने की योजना है।
ऐसा हुआ
सिमरिया हनुमान मंदिर के पास निकली रैली में अतिथि विद्वानों ने हाथों में बैनर और सरस्वती माता की प्रतिमा हाथ में लेकर निकले। लिंगा के तकरीबन आधा किलोमीटर दूर इन्हें रोक दिया गया जहां काफी समय तक चली चर्चा के बाद दोबारा यह लिंगा में निर्धारित लॉन के पास पहुंचे। यहां भी इन्हें रोक दिया गया। हालंाकि वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद इन्हें लॉन में रुकने की अनुमति दे दी गई।
इनका कहना
- प्राध्यापक संघ के पास रैली और धरने की अनुमति नहीं थी और न ही ऐसी कोई अनुमति जारी की गई है। इन सभी को समझाइश देकर बताया गया कि बिना अनुमति रैली और धरना नहीं किया जा सकता है।
- अतुल सिंह, एसडीएम
- संघ की ओर से 29 नवंबर को जेल बगीचा में धरना करने की अनुमति के लिए पत्र लिखा गया है लेकिन अब तक यह नहीं मिला है। हम सिर्फ मंदिर में पूजन-पाठ करके आ रहे थे। लिंगा के पास लॉन में हमने रुकने और भोजन की व्यवस्था की थी जहां हमें जाने से रोका गया।
- जेपी साहू, मीडिया प्रभारी, मध्यप्रदेश अस्थायी प्राध्यापक संघ
Created On :   3 Dec 2019 7:04 PM IST