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मार्च में मनपा प्रशासक के हवाले !, जानिए कारण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द किए जाने से आगामी फरवरी में होने वाले नागपुर महानगरपालिका चुनाव पर संकट गहरा गया है। 4 मार्च 2022 को मनपा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इससे पहले चुनाव होकर नई कार्यकारिणी का गठन होना आवश्यक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण रद्द किए जाने से अब इन चुनावों का आगे बढ़ना तय माना जा रहा है। ओबीसी आरक्षण रद्द होने से फिलहाल राज्य सरकार भी चुनाव के मूड में नहीं है। तय समय पर चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग से अभी तक न कोई निर्देश मिले हैं और न प्रभाग रचना के कच्चे मसौदे को हरी झंडी दी गई है। प्रभाग रचना के कच्चे प्रारूप को मंजूरी मिलने के बाद प्रभाग रचना की घोषणा की जाएगी, लेकिन यह संपूर्ण प्रक्रिया अटकी हुई है। ऐसे में तय समय पर चुनाव की अटकलों को खारिज किया जा रहा है। ऐसे में 4 मार्च के पहले नई कार्यकारिणी का गठन होना भी मुश्किल माना जा रहा है। इस आधार पर आगामी मार्च में नागपुर महानगरपालिका पर प्रशासक का बैठना लगभग तय माना जा रहा है। प्रशासक के हाथों में कमान होने पर एक तरह सरकार का मनपा पर नियंत्रण होगा, जिसके बाद मनपा में सत्तापक्ष की मुश्किलें बढ़ने की अटकलें लगाई जा रहीं हैं।
प्रभाग रचना भी अधर में फिलहाल प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप मनपा प्रशासन द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है। 3 सदस्यीय प्रभाग पद्धति अनुसार 52 प्रभागों की रचना की गई है। प्रत्येक प्रभाग में 47 हजार की जनसंख्या को आधार माना गया है। दिसंबर के पहले सप्ताह में इसे राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा गया है। प्रशासन भी इस इंतजार में है कि कब राज्य निर्वाचन आयोग से इसे हरी झंडी मिले और वह आगे की प्रक्रिया शुरू करे।
इस बार कोई हलचल नहीं
2017 में हुए मनपा चुनाव के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे अक्टूबर महीने में ही हरी झंडी दे दी थी। नवंबर में प्रभाग रचना की घोषणा भी कर दी थी, लेकिन इस बार कोई हलचलें नहीं दिख रही हैं। इस कारण मनपा प्रशासन की भी तैयारियां अटक गई हैं। जब तक प्रभाग रचना फाइनल नहीं होती, आगे की तैयारियों को अंजाम नहीं दिया जा सकता है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव को आगे बढ़ना तय माना जा रहा है। ऐसे में मार्च तक चुनाव होना भी मुश्किल लग रहा है।
Created On :   21 Dec 2021 7:07 PM IST