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टिकट नहीं मिलने से नाराज हरिसिंग राठोड ने दिया इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य हरिसिंग राठोड ने इस्तीफा दे दिया है। राठोड ने विधान परिषद के सदस्य पद से त्यागपत्र दिया है और कांग्रेस को भी छोड़ दिया है। राठोड ने वाशिम की कारंजा सीट से टिकट मांगा था। रविवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में राठोड ने कहा कि मैंने केवल टिकट नहीं मिलने के चलते पार्टी नहीं छोड़ी है। मेरे पार्टी छोड़ने के कई कारण है। कांग्रेस अब पहले जैसी नहीं रही है। प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व करने वाला कोई नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बालासाहब थोरात को बनाया है। लेकिन प्रदेश के विदर्भ अंचल की कमान अब भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे के हाथ में है। मराठवाड़ा अंचल के सभी फैसलों पर अभी भी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण की भूमिका रहती है। विदर्भ में ठाकरे और मराठवाड़ा में चव्हाण ही पार्टी को चला रहे हैं। थोरात स्वतंत्र रूप से अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले पाते हैं। घुमंतू जनजातियों में प्रभाव रखने वाले राठोड लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद से ही पार्टी से नाराज थे। राठोड भाजपा से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। फिर उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया। जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें विधान परिषद में भेजा था।
शिवसेना को समर्थन
राठोड ने कहा कि हमने बैकवर्ड क्लास यूनाइटेड फ्रंट बनाया है। इस यूनाइटेड फ्रंट पिछड़ी जातियों के कई नेता शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में यूनाइटेड फ्रंट ने शिवसेना को समर्थन देने का फैसला किया है। विधानसभा चुनाव में यूनाइटेड फ्रंट के नेता शिवसेना के लिए प्रचार भी करेंगे।