हाईकोर्ट ने सरकार से पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक का ब्यौरा पेश करने के लिए कहा

HC asked the government to present details of meeting with police officers
हाईकोर्ट ने सरकार से पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक का ब्यौरा पेश करने के लिए कहा
हाईकोर्ट ने सरकार से पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक का ब्यौरा पेश करने के लिए कहा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर न्यायाधीशों, पुलिस आयुक्त व जिला पुलिस अधीक्षकों के बीच हुई बैठक का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि बैठक के बाद पुलिस अधिकारियों ने न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा जरुरत को लेकर क्या निर्णय लिया है। हाईकोर्ट ने पिछले दिनो नागपुर कोर्ट कांपलेक्स में एक वकील द्वारा न्यायाधीश पर हमले के मद्देनजर व सोलापुर कोर्ट परिसर में एक महिला के तलवार के साथ पकड़े जाने की घटना को लेकर राज्य सरकार से न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर गृह विभाग के अधिकारी से हलफनामा मांगा था। 

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस एके मेनन की बेंच के सामने जब यह याचिका सुनवाई के लिए आयी तो सरकारी वकील ने एक हलफनामा पेश किया। जिसमे दावा किया गया था कि न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न इलाकों के प्रधान न्यायाधीश, पुलिस आयुक्त व पुलिस अधीक्षक के बीच एक बैठक हुई है, लेकिन हलफनामे में इस बैठक में क्या हुआ इसका जिक्र नहीं किया गया था। इस दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि सोलापुर में एक व्यक्ति ने न्यायाधीश पर जूता फेंका और वहां पर एक महिला मैजिस्ट्रेट कोर्ट में हथियार के साथ पकड़ी गई।

नागपुर व सोलापुर की घटनाओं से पहले हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में सरकार को कोर्ट परिसर व न्यायिक अधिकारियों के निवास स्थान पर सुरक्षा जरूरत का आंकलन कर सरकार को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इस निर्देश का पालन नहीं हुआ परिणाम स्वरुप उपरोक्त घटनाए हमारे सामने हैं। इस बात को जानने के बाद बेंच ने सोलापुर के पुलिस आयुक्त को वहां के कोर्ट काम्प्लेक्स का दौरा कर सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने व कोर्ट परिसर में जरुरी उपकरण लगाने को लेकर निर्णय लेने को कहा। बेंच ने सरकार को न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर एक महीने के भीतर विस्तार से जवाब देने को कहा है। 

फायर आडिट के लिए 6 माह का समय 
इस दौरान सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडबल्यूडी) के प्रधान सचिव ने बेंच के सामने दायर हलफनामे में कहा कि उन्हें कोर्ट की इमारतों के फायर आडिट के काम को पूरा करने के लिए 6 महीने का समय दिया जाए। हलफनामे के मुताबित अब तक सिर्फ 12 कोर्ट काम्प्लेक्स के फायर आडिट का काम पूरा हो पाया है, जबकि 31 कोर्ट काम्प्लेक्स में यह कार्य प्रगति पर है। हलफनामे पर गौर करने के बाद बेंच ने पीडबल्यूडी विभाग को जून 2019 तक फायर आडिट का काम पूरा करने का निर्देश दिया। इस बीच बेंच ने सरकार को उपभोक्ता आयोग के सदस्यों के रुतबे के हिसाब से ट्रैवलिंग भत्ता व डियरनेस भत्ता तय करने पर विचार करने को कहा। 

Created On :   2 March 2019 5:41 PM IST

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