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कब तक पूरे होंगे शेगांव के अधूरे विकास कार्य, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शेगांव के विकास कार्यों को लेकर हुई सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार से 1 सप्ताह में जवाब मांगा है। शेगांव के विकास कार्य से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि लंबे समय से जारी शेगांव के विकास कार्यों में से अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं, लेकिन प्रारूप के करीब 7 प्रतिशत काम अभी भी रुके हुए हैं। अब चुनावों का दौर है और आचार संहिता भी इसमें बाधा बन सकती है। शेगांव के लिए मंजूर निधि में से 1 करोड़ 84 लाख रुपए अभी भी बचे हुए हैं, जो 31 मार्च को लैप्स हो जाऐंगे। ऐसे में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 1 सप्ताह के भीतर जानकारी देने को कहा है कि वह लंबित कार्यों को कब तक पूरा करेंगी। जो निधि शेष है, उसे भी कायम रखने के आदेश हाईकोर्ट ने जारी किए हैं।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि गजानन महाराज शताब्दी महोत्सव के उपलक्ष्य में शेगांव के विकास कार्यों के लिए याचिका दायर की गई थी। अन्य तीर्थ क्षेत्रों की तुलना में शेगांव के धीमे विकास को देखते हुए राज्य सरकार ने पेयजल, सड़क व बिजली जैसी सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपए दिए, लेकिन अतिक्रमण के चलते विकास कार्य मंद पड़ गए। न्यायालय ने वर्ष 2010 में मुख्य सचिव को नए सिरे से विकास प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं पर्याप्त नहीं होने को लेकर एक बार फिर न्यायालय ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद पुनर्वसन से गुजर रहे जमीन मालिकों, अतिक्रमणकारियों और अन्य संबंधित पक्षों ने भी अपनी-अपनी याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की थीं। इस याचिका में पुर्नवसन, क्षेत्र की समस्याएं, विकास कायों में आने वाली बाधाओं पर प्रकाश डाला गया था। इस पर हाईकोर्ट ने विकास कार्य संबंधी आदेश जारी किए थे। इस विकास कार्य से प्रभावित विविध घटकों द्वारा हाईकोर्ट में समय-समय पर याचिकाएं दायर की जा रही हैं।
Created On :   28 March 2019 1:23 PM IST