हाईकोर्ट ने दिया महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच का निर्देश

HC directed to investigate allegations of sexual harassment of female employee
हाईकोर्ट ने दिया महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच का निर्देश
हाईकोर्ट ने दिया महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच का निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) में कार्यरत महिला कर्मचारी द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने जांच का यह निर्देश बीएआरसी की महिला प्रकोष्ट को दिया है। इससे पहले बीएआरसी की महिला कमेटी ने याचिकाकर्ता महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न की ओर से की गई शिकायत की जांच की थी। इसके बाद कमेटी ने शिकायत करनेवाली महिला कर्मचारी को अक्टूबर 2012 में पत्र लिखकर सूचित किया था कि उसकी शिकायत यौन उत्पीड़न के दायरे में नहीं आती है। इसलिए उसकी शिकायत के आधार पर कोई कदम उठाए जाने की जरुरत नहीं है। बीएआरसी की महिला कमेटी के इस पत्र के खिलाफ बीएआरसी की महिला कर्मचारी ने साल 2014 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

न्यायमूर्ति अकिल कुरेशी व न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया था कि बीएआरसी की महिला कमेटी कार्यस्थल में महिला के यौन उत्पीड़न को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशाखा बनाम राजस्थान मामले में दिए गए निर्देशों के तहत नहीं बनाई गई थी। इसलिए कमेटी शिकायत के विषय में निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं थी। इसके अलावा याचिका में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। वहीं बीएआरसी ने दावा किया कि कमेटी नियमों के तहत बनाई गई थी। और कमेटी का निर्णय सहीं है।

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम फिलहाल याचिकाकर्ता की शिकायत पर गौर नहीं करेगे। क्योंकि नियमों के तहत इस तरह की शिकायत पर पहले नियोक्ता की महिला कमेटी को करना चाहिए। खंडपीठ ने इस दौरान याचिकाकर्ता के उस दावे को सही पाया जिसमें कहा गया था कि शिकायत की जांच के लिए बनाई गई कमेटी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरुप नहीं थी। खंडपीठ ने कहा कि महिला के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत कमेटी बनाई जाए और तीन महीने के भीतर महिला की शिकायत पर निर्णय लिया जाए। और इसकी जानकारी याचिकाकर्ता तो दी जाए।
 

Created On :   29 Aug 2019 12:56 PM GMT

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