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200 पेड़ लगाने के एवज में मिली 27 पेड़ काटने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य का सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्लूडी) आश्वस्त करे कि लगाए गए पेड़ों का संरक्षण हो और वे ज्यादा समय तक जीवित रहे। इससे पहले राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह नाशिक में आडिटोरियम के निर्माण के लिए 27 पेड़ काटने के एवज में 200 वृक्ष लगाएगी और पीडब्लूडी पेड़ो की देखरेख करेगा। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि पीडब्लूडी सुनिश्चित करे कि सरकार की ओर से लगाए जानेवाले वृक्षों का संरक्षण हो और वे लंबे समय तक जीवित रहे।
पेड़ काटने की अनुमति देने का गैर सरकारी संस्था नाशिक नागरिक कृति समिति ने विरोध किया था। गैर सरकारी संस्था के मुताबिक सरकार पेड़ काटने के एवज में पेड लगाने की बात तो कहती है लेकिन लगाए गए पेड़ों के संरक्षण कि दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते। इसके अलावा सरकार जिन 27 पेड़ों को काटना चाहती है, उसमे से कई पेड़ो को बचाया जा सकता है।
जस्टिस भूषण गवई व जस्टिस एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सरकार के आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए नाशिक के विभागीय आयुक्त (राजस्व) के कार्यालय परिसर में 27 पेड़ काटने है। इन 27 पेड़ों में से चार का फिर से रोपड़ किया जा सकेगा। इसके अलावा सरकार 27 पेेड़ों को काटने के एवज में 200 वृक्ष लगाएगी इसमे से 50 पेड़ लगाए जा चुके हैं।
शेष 150 पेड़ जल्द ही नाशिक में ही लगाए जाएंगे। पेड़ लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य का सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग पेड़ों की देखरेख करेगा। इस पर खंडपीठ ने कहा कि पीडब्लूडी सुनिश्चित करे की लगाए गए पेड़ सुरक्षित रहे और ज्यादा समय तक जीवित रहे। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को पेड़ काटने की अनुमति दे दी।
Created On :   5 Nov 2018 3:49 PM GMT