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7 वन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के HC के आदेश
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुरुम की खान पर कार्रवाई करते हुए खनिजों से भरे ट्रक ले जाने वाले वन विभाग के सात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने चंद्रपुर पुलिस को जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि ये अधिकारी अनधिकृत काम करने गए थे, सरकारी काम नहीं। ऐसे में उन पर मामला दर्ज करने के लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं है। रॉयल पॉटरिज सेरॅमिक इंडस्ट्रीज द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किए हैं।
यह था मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्हें खनिकर्म विभाग द्वारा चंद्रपुर जिले के जिवती तहसील के मरकागोंडी के दो भू-खंडों पर मुरुम की खान के उत्खनन का कांट्रैक्ट मिला था। उन्हें 30 साल की लीज पर यह जमीन मिली थी। इसके बाद वन विभाग ने कोर्ट में दीवानी याचिका दायर कर इस जमीन पर अपना दावा प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने इस जमीन को राजस्व विभाग का करार देते हुए वन विभाग की अर्जी खारिज कर दी थी। ऐसे ही एक विवाद में हाईकोर्ट ने भी वन विभाग को इस जमीन से दूर रहने के आदेश दिए थे।
याचिकाकर्ता के अनुसार, इसके बावजूद 5 नवंबर 2018 में वन विभाग के अधिकारी पूनम ब्राम्हणे, संजय राठौड, एस.जी.गरमाडे, प्रदीप मारपे, नरेंद्र देशकर, अंबादास राठौड और वी.एम.ठाकुर समेत अन्य 10-12 लोग खान में पहुंचे और काम रुकवा दिया।
निचली अदालत ने अधिकारियों की गलती बताई
वन विभाग के अधिकारियों ने जमीन पर वन विभाग का दावा ठोकते हुए मुरुम से भरे हुए चार ट्रक व पोकलेन मशीनें जब्त कर ली। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने पुलिस में शिकायत दी। कोई हल नहीं निकला ताे चंद्रपुर जेएमएफसी कोर्ट की शरण ली। निचली अदालत ने अधिकारियों की गलती दिखते हुए भी सरकार की अनुमति के बगैर अधिकारियों पर मामला दर्ज न करने का कारण दिया। ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली, जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.फिरदौस मिर्जा और एड.अब्दुल सुभान ने पक्ष रखा। सरकार की ओर से सरकारी वकील संजीव देशपांडे ने पक्ष रखा।
Created On :   30 Jan 2019 11:58 AM IST