जनहित याचिकाकर्ताओं से अदालत ने कहा, 30 लाख जमा कर साबित करें सत्यनिष्ठा

HC on public interest petitions, Deposit 30 lakhs for Integrity
जनहित याचिकाकर्ताओं से अदालत ने कहा, 30 लाख जमा कर साबित करें सत्यनिष्ठा
जनहित याचिकाकर्ताओं से अदालत ने कहा, 30 लाख जमा कर साबित करें सत्यनिष्ठा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सामान्य जनता के हित से जुड़े मामलों पर न्यायपालिका जनहित याचिकाओं के माध्यम से सुनवाई करती है, लेकिन जनहित याचिकाओं में भी कुछ चुनिंदा लोगों के हित जुड़े हैं, यह बात भी समय-समय पर सामने आती है। इस प्रथा को रोकने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया। अलग-अलग लोगों द्वारा दायर 6 जनहित याचिकाओं पर नोटिस जारी करने के पूर्व हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को उनकी सत्यनिष्ठा जमा कराने के लिए पहले 5-5 लाख रुपए यानी कुल 30 लाख रुपए  हाईकोर्ट में जमा करने के आदेश जारी किए। इसके बाद प्रतिवादियों को नोटिस जारी करना है या नहीं, इस पर कोर्ट निर्णय लेगा। 

प्रकरण-1

निवेशकों से ठगी का आरोप
डॉ.योगेशकुमार नंदेश्वर ने विविध मुद्दों पर चार जनहित याचिकाएं दायर की थी। इसमें ग्वालियर की जी-लाइफ डेवलपर्स कंपनी द्वारा नागपुर और आस-पास के जिलों में कार्यालय खोल कर निवेशकों को तगड़े फायदे का लालच दिखा कर ठगने का आरोप लगाया गया था। दलील थी कि वर्ष 2012-14 के बीच कंपनी निवेशकों से करोड़ों रुपए इकठ्ठा करके रफूचक्कर हो गई। इस मामले में जिलाधिकारी से की गई शिकायत पर भी कोई हल नहीं निकला। ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने उनकी चारों याचिकाओं पर नोटिस जारी करने के पूर्व उन्हें कुल 20 लाख रुपए जमा कराने के आदेश दिए। 

प्रकरण-2

रिलायंस जियो द्वारा की गई खुदाई पर आपत्ति
वन्यप्रेमी राजू राठौड़ ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड को क्षेत्र में खनन की अनुमति देने पर आपत्ति उठाई है। वन विभाग के पुसद डिविजन के डीएफओ ने रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड को रूम नंबर 378 में ऑप्टिक फायबर बिछाने के लिए खुदाई की अनुमति दी थी। यह कार्य 10 जुलाई 2017 से 25 जुलाई 2017 के बीच किया गया। आरोप है कि डीएफओ को इसके पहले ही राजस्व एवं वन विभाग से अनुमति लेना जरूरी था, लेकिन डीएफओ ने काम पूरा हो जाने के बाद 27 जुलाई 2017 को विभाग से अनुमति प्राप्त की। ऐसे में उन्होंने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके रिलायंस जिओ को खुदाई करने की अनुमति दी। याचिकाकर्ता ने वन विभाग और कई अन्य प्रशासनिक स्तरों पर शिकायत की मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने पहले याचिकाकर्ता को 5 लाख रुपए जमा कराने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से एड.शेखर ढेंगाले और एड.शताब्दी खैरे ने पक्ष रखा। 

प्रकरण-3

पूर्वमंत्री देशमुख की स्कूल के खिलाफ याचिका
सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रभान कोलते और आरिफ शेख ने पूर्व मंत्री रणजीत देखमुख की संस्था द्वारा संचालित अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें संस्था की पारसिवनी और सावनेर तहसील के हेटीकुरली की दो स्कूलों का जिक्र है। आरोप है कि पारसिवनी की स्कूल में 7वीं कक्षा तक और हेटीकुरली की स्कूल में 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई को अनुमति है। लेकिन संस्थाचालक और प्राचार्यों द्वारा मिल कर दोनों स्कूलों में विद्यार्थियों की गलत विद्यार्थी संख्या दर्शा कर शिक्षकों की नियुक्तियां की जा रही है और अनुदान लिए जा रहे हैं। याचिका में मामले की जांच करके दोषियों पर कार्रवाई की प्रार्थना की गई है। कोर्ट ने इस याचिका पर भी याचिकाकर्ता को पहले 5 लाख रुपए कोर्ट में जमा कराने के आदेश दिए।  याचिकाकर्ता की ओर से एड.अश्विन इंगोले ने पक्ष रखा। 

Created On :   20 Dec 2018 5:31 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story