नहीं मिली आरोपी को जमानत, हाईकोर्ट ने कहा पान मसाला-सुगंधित तंबाकू की ढुलाई अपराध

HC said pan masala tobacco trafficking crime,accused not get bail
नहीं मिली आरोपी को जमानत, हाईकोर्ट ने कहा पान मसाला-सुगंधित तंबाकू की ढुलाई अपराध
नहीं मिली आरोपी को जमानत, हाईकोर्ट ने कहा पान मसाला-सुगंधित तंबाकू की ढुलाई अपराध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रतिबंधित पान मसाला व सुंगधित तंबाकू की वाहनों से ढुलाई गैरजमानती अपराध के दायरे में आता है।  मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 328 को लगाया जा सकता है। जिसके तहत जहरीली चीजों के माध्यम से मानव शरीर को चोट पहुंचाने को अपराध माना गया है। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य में प्रतिबंधित पान मसाला व सुगंधित तंबाकू की ढुलाई के मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इंकार करते हुए उपरोक्त बात स्पष्ट की है।

 शुरुआत में पुलिस ने इस मामले में पान मसाला व सुगंधित तंबाकू को ले जा रहे टैंपो के ड्राइवर संतोष माली को पकड़ा था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। माली से पूछताछ के दौरान आरोपी इमरान पटवेकर का नाम सामने आया था। इसके बाद मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पटवेकर ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। 

न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल के सामने मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। पुलिस ने एफआईआर में मेरे मुवक्किल का नाम भी नहीं दर्ज किया है। इसके अलावा इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 328 लागू नहीं होती है। इसलिए मेरे मुवक्किल को जमानत प्रदान की जाए। वहीं सरकारी वकील ने न्यायमूर्ति के सामने स्पष्ट किया कि ड्राइवर व पटवेकर फोन पर लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे। वह पटवेकर के निर्देश पर गाड़ी चला रहा था। इसके अलावा महाराष्ट्र में पान मसाला व सुगंधित तंबाकू के निर्माण,बिक्री,संग्रह व एक जगह से दूसरे स्थापन पर प्रतिबंध लगाया गया है।

कोल्हापुर में आरोपी ड्राइवर को टेंपो के साथ बड़ी मात्रा में पान मसाला व सुगंधित तंबाकू के साथ पकड़ा गया है। इस दौरान सरकारी वकील ने हाईखोर्ट में एक फैसले की प्रति पेश की। जिसमें टाटा मेमोरियल अस्पताल की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा गया था कि पान मसाला,तंबाकू,गुटखा का सेवन हमारे अंगों को बुरी तरह प्रभावित करता है। इसके अलावा इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होती है। अदालत के इस फैसले के मद्दे नजर न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में धारा 328 लागू होती है। चूंकि जमानत के लिए आवेदन करनेवाले आवेदनकर्ता का नाम आरोपी से पूछताछ में आया है। इसलिए पटवेकर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी जरुरी है। यह कहते हुए न्यायमूर्ति ने पटवेकर के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। 

Created On :   8 Jun 2019 1:04 PM GMT

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