गोसीखुर्द पर सरकार को HC का झटका, भूमि अधिग्रहण को बताया अवैध

hc told land acquisition of gosikhurd project of government as illegal
गोसीखुर्द पर सरकार को HC का झटका, भूमि अधिग्रहण को बताया अवैध
गोसीखुर्द पर सरकार को HC का झटका, भूमि अधिग्रहण को बताया अवैध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महत्वाकांक्षी गोसीखुर्द प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले में राज्य सरकार की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।  मामले में राज्य सरकार को फिर एक बार हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। बीते दिनों हाईकोर्ट ने भंडारा के अडयाल गांव की 510 एकड़ जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया को अवैध करार दिया था। इस मामले में राज्य सरकार द्वारा दायर की गई पुनर्विचार अर्जी को हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अधिग्रहण अवैध घोषित किया है। याचिकाकर्ता किसानों की ओर से एड. प्रदीप क्षीरसागर ने पक्ष रखा।

किसानों ने खटखटाया था अदालत का दरवाजा : प्रकल्प के लिए प्रशासन ने भंडारा के अडयाल गांव के 230 किसानों की 510 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करने का फैसला लिया। 30 अक्टूबर 2014 को इसके लिए 41 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति देने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। इस मामले में किसानों ने इस अधिग्रहण को अवैध बता कर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में किसानों ने कई कागजी गड़बड़ियों का जिक्र भी किया।

सरकारी रिपोर्ट ही गलत

याचिकाकर्ता के अनुसार, इस प्रक्रिया में संपादित की गई जमीन के प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाने वाली रकम का प्रस्ताव 30 अक्टूबर 2014 को पारित किया गया, जबकि भंडारा के नगर रचना प्रारूप के अनुसार जमीन का मूल्यांकन कार्य 11 नवंबर 2014 को संपन्न दिखाया गया है। इसे आयुक्त द्वारा 20 नवंबर 2014 को मंजूरी भी दे दी गई। इसके बाद 1 दिसंबर 2014 को अधिग्रहण अधिकारी ने संपादन संस्था को भेजे पत्र में प्रारूप मंजूरी को लंबित दर्शाया है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने मुद्दा उठाया था कि, सारी प्रक्रिया के पहले ही यानी 30 अक्टूबर को ही जमीन की प्रतिपूर्ति रकम कैसे तय की गई। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि, किसानों को मुआवजा देने के फर्जी दस्तावेज अधिकारियों ने तैयार किए हैं। कोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी और भू-संपादन अधिकारी को दोषी माना था।

Created On :   29 Nov 2017 1:59 PM IST

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