एमपीएससी के लिए जारी परिपत्र पर लगी रोक कायम, सरकार ने मांगा समय 

HC upheld the ban on the circular issued by the state government
एमपीएससी के लिए जारी परिपत्र पर लगी रोक कायम, सरकार ने मांगा समय 
एमपीएससी के लिए जारी परिपत्र पर लगी रोक कायम, सरकार ने मांगा समय 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुुरुवार को राज्य सरकार के उस परिपत्र पर लगाई रोक को जारी रखा है, जिसके आधार पर महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) आरक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी की महिलाओं व खेल कोटे के तहत सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित जगहों पर आवेदन करने से रोकती है। हाईकोर्ट ने इसके पहले 17 जनवरी को सामाजिक कार्यकर्ता अजय मुंडे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरिम रोक लगाई थी। इसके साथ ही सरकार को एक फरवरी को याचिका में उठाए गए मुद्दे को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए

गुरुवार को जस्टिस आरएम बोर्डे और जस्टिस राजेश केतकर की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आई। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले की पैरवी के लिए विशेष सरकारी वकील नियुक्त करने की तैयारी कर रही है। इसलिए सरकार को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। इस पर याचिकाकर्ता के वकील चेतन नागरे ने कहा कि परिपत्र पर लगी रोक को कायम रखा जाए। क्योंकि एमपीएससी का रुख नियमों के खिलाफ है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने परिपत्र पर लगी रोक को कायम रखा और मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। 


मुंडे ने हाईकोर्ट में दायर की थी जनहित याचिका

सरकार के 13 अगस्त 2014 के परिपत्र  के आधार पर  एमपीएससी आरक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी की महिलाओं और खेल कोटे के तहत सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित जगहों के लिए आवेदन करने पर उन्हें अयोग्य ठहरा देती है। सरकार के इस परिपत्र के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अजय मुंडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में सरकार के परिपत्र को असंवैधानिक व अतार्किक बताया गया है इसके साथ ही दावा किया गया है कि सरकार के इस परिपत्र को एमपीएससी गलत तरीके से लागू कर रही है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। 

Created On :   1 Feb 2018 1:48 PM GMT

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