काम का बहिष्कार, वैद्यकीय शिक्षण सचिव पर अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप

Health care likely to be affected - Medical Education Secretary accused of abusive behavior
काम का बहिष्कार, वैद्यकीय शिक्षण सचिव पर अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप
नाराजगी काम का बहिष्कार, वैद्यकीय शिक्षण सचिव पर अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना में स्थायी वैद्यकीय शिक्षकों से लेकर अस्थायी वैद्यकीय शिक्षक सहित सभी ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर कोरोना मरीजों का उपचार किया है। साथ ही वे शिक्षक पेशे का धर्म भी निभा रहे हैं। इसके बावजूद वैद्यकीय शिक्षण व संशोधन विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है। लिहाजा, राज्य के सभी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय के वैद्यकीय अधीक्षक पद से लेकर विभाग के विशेष कार्य अधिकारी पद के कामकाज का बुधवार से बहिष्कार किया है। इस बहिष्कार के कारण स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने की आशंका जताई गई है।

यह है आक्रोश का कारण : अस्थायी वैद्यकीय शिक्षकों को स्थायी करने की मांग 4 साल से है। कोरोना काल में सेवाधर्म के कारण उन्हें स्थायी करने की घोषणा वैद्यकीय शिक्षणमंत्री अमित देशमुख ने की थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी कागजी खानापूर्ति कर सिर्फ औपचारिकताएं निभा रहे हैं। मुंबई में अस्थायी वैद्यकीय शिक्षकों का आंदोलन जारी है। मंत्री से मुलाकात करने के लिए महाराष्ट्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी मुंबई पहुंचे थे, लेकिन मंत्री कोरोना संक्रमित थे। इस कारण वैद्यकीय शिक्षण सचिव से मिलने की सूचना दी गई। उन्होंने सचिव से मुलाकात की। इस दौरान सचिव द्वारा  अपमानाजनक बर्ताव किया गया, ऐसा उनका दावा है। उसका वीडियो भी वायरल हुआ। इसके निषेध के रूप में राज्य के सभी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में सामूहिक अवकाश आंदोलन के बाद प्रशासकीय कामकाज के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है।  

इन कामों का बहिष्कार : इसके पहले वैद्यकीय शिक्षकों ने मार्गदर्शक पदों से इस्तीफा दिया था। अब मेडिकल कॉलेज के वैद्यकीय अधीक्षक, उपअधीक्षक, छात्रावास प्रमुख, समिति के कामकाज, पदवी पूर्व, पदव्युत्तर पाठ्यक्रम के प्रवेश संबंधित कामकाज राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद, एलआईसी निरीक्षण सहित नाशिक के आरोग्य विद्यापीठ से संबंधित कामकाज, महात्मा फुले जनआरोग्य अभियान, जन्म, मृत्यु कार्यालय के प्रशासकीय कामकाज का बहिष्कार किया जाएगा। 

सर्वसम्मति से निर्णय 

डॉ. समीर गोलावार, सचिव महाराष्ट्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक बुधवार को मेडिकल हॉस्पिटल के सभागृह में महाराष्ट्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित सभी वैद्यकीय शिक्षकों की बैठक ली गई।  वैद्यकीय शिक्षकों ने भावनाएं व्यक्त की। यह वैद्यकीय शिक्षकों का अस्तित्व खत्म करने का प्रयास है। इसका राज्य के वैद्यकीय शिक्षण पर विपरीत परिणाम हो रहा है। इसलिए सर्वसम्मति से प्रशासकीय कामकाज से मुक्ति का निर्णय लिया गया। 

 

Created On :   10 Feb 2022 6:41 PM IST

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