मातृत्व योजना से अनजान है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, नहीं है कोई जानकारी

Health department officer are unknown about Matritva Yojna scheme
मातृत्व योजना से अनजान है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, नहीं है कोई जानकारी
मातृत्व योजना से अनजान है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, नहीं है कोई जानकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार जनता के हित के लिए योजनाएं तो शुरू कर देती है लेकिन कई ऐसी योजनाएं है जिसके बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद अनभिज्ञ हैं। ऐसी ही योजना है मातृत्व वंदना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2017 में मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से ‘मातृत्व वंदना’ योजना की घोषणा की थी। इसमें गर्भवती महिलाओं को पंजीयन करवाने पर विभिन्न चरणों में 6 हजार रुपए दिए जाने थे, लेकिन योजना सिर्फ घोषणा बनकर ही रह गई है।

हैरानी की बात है कि 6 माह बाद भी योजना का लाभ मिलना तो दूर, स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों को भी योजना की जानकारी नहीं है। यही वजह है कि योजना की घोषणा सुनने के बाद लोग विभिन्न अस्पतालों में पहुंच तो रहे हैं, लेकिन कोई कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है। सिर्फ यही कहा जाता है कि अभी तक योजना के संदर्भ में कोई परिपत्रक नहीं आया है।

यह है योजना
मातृत्व वदंना योजना गर्भवती महिलाओं के लिए है। पहला जीवित बच्चे वाली महिला योजना का लाभ ले सकती है। इसके लिए महिलाओं को गर्भधारण करने के पश्चात 1 हजार रुपए दिए जाएंगे। दूसरी किस्त 6 माह के बाद प्रसव पूर्व की जांच करवाने के बाद 2 हजार रुपए दिए जाएंगे। प्रसव के बाद बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीटीपी, हेपेटाइटिस का इंजेक्शन सहित प्रसव जनन सुरक्षा योजना का लाभ समायोजित कर 3 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा।

क्या कहते हैं आंकड़े
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS -4) के अनुसार भारत में 26.8 प्रतिशत 18 साल से कम उम्र में विवाह होने से  लड़कियों के कम उम्र में गर्भवती होने का कारण बनते हैं। देश में 50.3 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं रक्त की कमी की शिकार हैं। सिर्फ 21 प्रतिशत महिलाओं को ही प्रसव से पूर्व की सभी सेवाएं (4 स्वास्थ्य जांच, टिटनेस का कम से कम एक इंजेक्शन व 100 दिन की आयरन फॉलिक एसिड की खुराक) मिल पाती है। गर्भस्थ शिशु का विकास नहीं होने से 35.9 प्रतिशत शिशुओं की मृत्यु का कारण, समय से पहले जन्म लेना व जन्म के समय उनका वजन कम होना है। 2015 में भारत में 33.4 लाख बच्चों ने समय पूर्व जन्म लिया था। सिर्फ 41.6 प्रतिशत बच्चों को ही जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला दूध मिल रहा है। 54.9 प्रतिशत बच्चों को ही 6 माह की उम्र तक केवल मां का दूध मिलता है।

मुझे जानकारी नहीं  
अभी तक इस प्रकार की योजना के शुरू करने के संदर्भ में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। यदि योजना के संदर्भ में हाल ही में कुछ हुआ होगा, तो जानकारी कार्यालयीन समय में दे सकता हूं।
(डॉ. संजय जयस्वाल, उपसंचालक, स्वास्थ्य विभाग)

आर्थिक मदद से मिलेगा फायदा

गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद मिलने से मातृत्व मृत्यु दर कम करने में लाभ मिलेगा, इसके लिए 6 हजार रुपए पर्याप्त है, लेकिन योजना के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है। हालांकि यह बात अलग है कि अभी तक योजना को अमल में नहीं लाया गया है। योजना से सरकार के पास सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन हो जाएगा, यह िरकार्ड मददगार साबित होगा।
(डॉ. शिल्पी सूद, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ)

अभी तो जानकारी नहीं आई

ऐसी योजना का अाधिकारिक पत्र अभी तक हमारे पास नहीं आया है। इससे इस प्रकार की कोई भी योजना गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जा रही है।
(डॉ. संध्या मांजरेकर, अधीक्षक, मेयो)

Created On :   28 Jun 2018 1:15 PM IST

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