आयुष डॉक्टरों को फर्जी बताने की साजिश कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- आरोप

Health department officials conspiring to call Ayush doctors fake
आयुष डॉक्टरों को फर्जी बताने की साजिश कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- आरोप
आयुष डॉक्टरों को फर्जी बताने की साजिश कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- आरोप

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिले में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी और उनके मातहतों द्वारा की जा रही कार्यवाही से आयुर्वेद, होम्योपैथी के आयुष डॉक्टर्स में नाराजगी व्याप्त है। इसकी वजह उन्हें झोलाछाप साबित कर फर्जी बताना तथा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराना है। गुरुवार को सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ डॉ. राधा वल्लभ चौधरी द्वारा पाटन रोड पर स्थित 1975 बैच के बीएएमएस डॉ. राजेश मिश्रा के अटेंडर के िखलाफ डॉक्टर बनकर मरीजों को अंग्रेजी दवाएँ लिखने तथा बगैर पंजीयन क्लीनिक चलाने संबंधी शिकायत माढ़ोताल थाने में दी गई है। इस कार्यवाही के बाद आयुष डॉक्टरों ने कड़ी आपत्ति उठाते हुए इसे साजिश या लेन-देन में सफल न होने पर बदले की भावना से की गलत कार्यवाही निरूपित किया है। हाल ही में एक निजी अस्पताल के पंजीयन नवीनीकरण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा किए गए निरीक्षण को लेकर विभाग में कई तरह की चर्चाएँ हैं। 
यह है मामला
 थाने में की शिकायत में डॉ. मिश्रा के कर्मचारी शंकरलाल पर बिना पंजीयन क्लीनिक में अनधिकृत रूप से एलोपैथी डॉक्टर बन कर इलाज करने की बात कही गई है। शिकायतकर्ता डॉ. चौधरी ने सादे कागज पर कुछ अंग्रेजी दवाओं का लिखा पर्चा भी पुलिस को दिया है जिसे शंकरलाल द्वारा लिखा बताया गया है। 17 अप्रैल को ऋषिकेश नाम के मरीज को ये दवाएँ लिखना बताया गया, जिसमें प्रतिबंधित एच शेड्यूल की दवाएँ भी शामिल हैं। 
इलाज के लिए अधिकृत, डिग्री सही- इस शिकायत को लेकर डॉ. मिश्रा का कहना है कि उन्होंने  1975 में जबलपुर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आयुर्वेद विद माडर्न मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री ली है। जून 2003 में प्रदेश सरकार ने गजट नोटिफिकेश कर उक्त डिग्रीधारी डॉक्टर को एलोपैथी में इलाज की स्वीकृति दी है। 
30 को दिया था आवेदन- डॉ. मिश्रा ने बताया कि उनकी गढ़ाफाटक और पाटन रोड पर क्लीनिक्स हैं जिसमें वे ही अपने लैटर पेड पर दवाएँ लिखते हैं। एक सादे कागज में लिखी दवाएँ जिसे उनके कर्मचारी द्वारा लिखा बताया गया वह उनकी क्लीनिक का नहीं है। क्लीनिक पंजीयन लैप्स होने पर उन्होंने उसके नवीनीकरण के लिए 30 अप्रैल को ऑनलाइन आवेदन किया था। आवेदन में सभी दस्तावेज भी बताए गए लेकिन उनका निराकरण करने की बजाय मुझे ही गलत ठहराया जा रहा है। इस संबंध में डॉ. चौधरी से उनका पक्ष जानने प्रयास किए लेकिन संपर्क नहीं हो सका। 
13 डॉक्टरों की सूची, शिकायतकर्ता एक 
 इस मामले में यह भी जानकारी मिली है कि जिन 13 डॉक्टर्स के फर्जी या झोलाछाप होने की सूची स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की है उन सभी की शिकायतें एक ही व्यक्ति द्वारा की गई हैं। 
420 का प्रकरण दर्ज-  माढ़ोताल थाना प्रभारी अनिल गुप्ता ने बताया कि डॉ. चौधरी की लिखित शिकायत के आधार पर कम्पाउंडर शंकरलाल के िखलाफ धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
पहले मैन्यूअल पंजीयन होते थे, अब ऑनलाइन हो रहे। 30 अप्रैल को दोनों क्लीनिकों के रिन्यूअल के ऑनलाइन आवेदन किए गए। अधिकारी 10 हजार रुपए की माँग कर रहे थे, नहीं देने पर यह झूठी कार्यवाही की गई है। 
 

Created On :   15 May 2020 2:26 PM IST

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